What is Web Crawling | वेब क्रॉलिंग क्या है – नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपको फिर हमारे एक नए पोस्ट में आज हम आपको Crawling के बारे में वह सभी जानकारी देने वाले है जो आप जानना चाहते है, आप अपनी वेबसाइट को Google के SERPs के पहले पेज पर रैंक करना चाहते हैं? लेकिन क्या आप नहीं जानते हैं कि इसकी प्रक्रिया क्या है? मैं आपको बता दूं कि इसकी मूल प्रक्रिया वेब क्रॉलिंग है। अब आप सोच रहे होंगे कि वेब क्रॉलिंग क्या है? वेब क्रॉलर कैसे काम करते हैं? तो मैं इस लेख में आपके सभी सवालों का जवाब दूंगा। जैसा कि आप पहले से ही जानते हैं कि 2021 में इंटरनेट की दुनिया इतनी बड़ी हो गई है कि इसकी कोई सीमा नहीं है।
![What is Web Crawling](https://www.ajabgjab.com/wp-content/uploads/2021/07/What-is-Web-Crawling.jpg)
What is Web Crawling
जिससे इंटरनेट पर हर दिन लाखों सर्च किए जाते हैं चाहे वह Google पर हो या बिंग पर। इन सभी सर्च इंजनों के एल्गोरिदम अलग-अलग तरीके से काम करते हैं। अगर आप एक ब्लॉगर हैं तो गूगल आपके ब्लॉग के लिए बेस्ट है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि Google को आपकी वेबसाइट के बारे में कैसे पता चलेगा? इसके लिए सबसे पहले आपको एक वेबसाइट बनानी होगी। वेबसाइट बनाने के लिए आपको एक डोमेन और होस्टिंग खरीदनी होगी। फिर उस वेबसाइट को Google को सबमिट करना होता है।
जब आप अपनी वेबसाइट को Google पर सबमिट करते हैं। तो Google सबसे पहले आपकी वेबसाइट को क्रॉल करता है। क्रॉल करने पर Google को आपकी सामग्री के बारे में पता चल जाता है। उसके बाद आपकी वेबसाइट धीरे-धीरे Google Search Engine के SERPs पर रैंकिंग करने लगती है। अगर आप Web Crawling को ठीक से समझना चाहते है तो आप मेरे इस article को अंत तक पढ़े. यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी होने वाला है क्योंकि इसमें मैं आपको बताऊंगा कि SEO में वेब क्रॉलिंग की क्या भूमिका है, वेब क्रॉलर कैसे काम करते हैं और Google के कौन से रैंकिंग कारक क्रॉलिंग को प्रभावित करते हैं। तो चलिए सबसे पहले वेब क्रॉलिंग क्या है के बारे में जानते है-
वेब क्रॉलिंग क्या है? What is Web Crawling
जब कोई इंटरनेट उपयोगकर्ता Google के खोज इंजन पर किसी विषय की खोज करता है, तो Google के बॉट Google सर्वर के डेटाबेस में संग्रहीत उस विषय से संबंधित नए वेब पृष्ठों की खोज शुरू करते हैं। और उस विषय से संबंधित सबसे अच्छे Result उपयोगकर्ताओं को दिखाते है । इस प्रक्रिया को वेब क्रॉलिंग कहा जाता है। और उन्हें जो जानकारी मिलती है उसे वेब क्रॉलर, स्पाइडर या बॉट दौरा उपलब्ध होता हैं। दूसरे शब्दों में, क्रॉल करने का अर्थ है किसी विशेष मार्ग का अनुसरण करना। आंतरिक लिंकिंग और बाहरी लिंकिंग जो आप अपनी वेबसाइट के वेब पेजों में करते हैं, Google का वेब क्रॉलर आपके सभी वेब पेजों को उन लिंक के माध्यम से क्रॉल करता है। और फिर उन्हें अनुक्रमित करता है। इंडेक्स करने के बाद आपकी वेबसाइट SERPs पर रैंकिंग करना शुरू कर देती है।
अगर आप एक नए ब्लॉगर हैं तो आपकी वेबसाइट की रैंक कम होगी। आपको अपनी वेबसाइट के लिए एक साइटमैप बनाना होगा। क्योंकि इसमें आपकी वेबसाइट के सभी वेब पेजों के लिंक होते हैं। और साइटमैप के जरिए गूगल आपकी वेबसाइट के वेब पेजों को आसानी से क्रॉल कर लेता है। हम आपको बता दे की वेब क्रॉलर्स की खासियत यह है कि वे आसानी से HTML कोड और हाइपरलिंक्स को वेरिफाई कर सकता है जिससे उसे किसी भी वेब पृष्ठ को पड़ने में परेशानी नहीं होती है।
SEO में Web Crawling की भूमिका
किसी भी ब्लॉगर्स के लिए SEO की दुनिया बहुत बड़ी है। SEO का पूरा नाम सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन है। लेकिन SEO में वेब क्रॉलिंग भी बहुत जरूरी है। अगर आप अपनी वेबसाइट पर ऑर्गेनिक ट्रैफिक चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने सभी वेब पेजों को Google में क्रॉल करना होगा। तभी आपकी वेबसाइट SEO के लिए तैयार मानी जाएगी। क्योंकि किसी वेबसाइट को रैंक करने के लिए क्रॉल करना पहला कदम है।
अगर आपके वेब पेजों की क्रॉलिंग अच्छी होगी तभी आप अपनी वेबसाइट का On Page SEO और Off Page SEO कर सकते हैं। अगर आप किसी वेब पेज को क्रॉल नहीं करना चाहते हैं, तो आप उसमें No Index Meta Tag का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि Web Crawling में SEO और Crawler दोनों एक साथ चलते हैं।
Web Crawling कैसे काम करता हैं
जैसा कि आप जानते हैं कि ब्लॉगिंग सबसे महत्वपूर्ण क्यों है? ब्लॉगिंग भी कोरोना के बाद घर पर रहकर पैसे कमाने का सबसे अच्छा तरीका है इसीलिए Google पर नई-नई वेबसाइटों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। और हर ब्लॉगर चाहता है कि उसकी वेबसाइट गूगल के SERPs में टॉप पर रैंक करे। शायद आप भी चाहेंगे कि आपकी वेबसाइट टॉप पर रैंक करे। क्योंकि वेबसाइट की रैंकिंग जितनी अच्छी होगी, आपके वेब पेज पर उतने ही ज्यादा विजिटर आएंगे।
जब कई ब्लॉगर अपनी वेबसाइट को Google Search Engine में सबमिट करते हैं और उसमें नए वेब पेज जोड़ते हैं। इसके साथ ही अगर हम पुराने पेज को अपडेट करते हैं तो वेब क्रॉलर की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। क्योंकि वेब क्रॉलर क्रॉलिंग प्रक्रिया को बहुत ही बुनियादी बातों से शुरू करते हैं। वेब स्पाइडर किसी भी वेब पेज को क्रॉल करने में बहुत अधिक समय लेता है। इसलिए आपको अपनी सामग्री को सरल और अर्थपूर्ण लिखना चाहिए।
वेब क्रॉलर किसी विशेष नीति के अनुसार किसी वेबसाइट के वेब पेजों को क्रॉल करते हैं। और एक बार जब कोई वेब पेज क्रॉल हो जाता है, तो उसे अपडेट किए गए वेब पेज को फिर कब क्रॉल करना है, यह खुद तय कर लेते है। आप इस बात से अच्छी तरह वाकिफ होंगे कि Google पर लाखों वेबसाइट हैं। लेकिन क्या सभी वेबसाइटें Google की क्रॉलिंग और इंडेक्सिंग से संतुष्ट हैं? नहीं न!! आपको जानकर हैरानी होगी कि
ज्यादातर ब्लॉगर 8 या 9 महीने बाद ब्लॉगिंग करना बंद कर देते हैं।
क्या आप इसका कारण जानते हैं? वे ब्लॉगर ब्लॉगिंग इसलिए बंद कर देते हैं क्योंकि उनकी वेबसाइट सर्च इंजन रिजल्ट पेज पर रैंक नहीं कर पाती है। परंतु आपके वेबसाइट के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए, आप अच्छे समाग्री प्रकाशित करिए और उसे Search Console पर इंडेक्स करिए ताकि आपका वेब पृष्ठ अच्छा से Crowle हो सके अगर आप Search Console पर वेबसाइट इंडेक्स करना नहीं जानते है तो इससे रेलेटड पोस्ट हम जल्द प्रकाशित करेंगे। इसलिए आप हमसे जुड़े रहिए।
तो दोस्तो हम आशा करते है यह जानकारी आपके लिए काफी मददगार हुआ होगा अगर इस पोस्ट से रिलेटेड आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे पूछ सकते है हम आपके सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे धन्यवाद।
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