Waseem Barelvi - Zindagi kitne zakham khaye hai | वसीम बरेलवी - ज़िन्दगी कितने जख़्म खाये है ***** ज़िन्दगी कितने जख़्म खाये है ज़िन्दगी कितने जख़्म खाये है फिर भी क्या शय है मुस्कुराये है उम्र-ए-एहसास रुक-सी जाये है जब भी तेरा ख़याल आये है घर तो घर, ज़ेहन भी जल उठते है आग ऐसी कोई लगाये है मैं तो गहरा कुआं हूँ ए लोगों कौन मेरे क़रीब आये है मैं तुझे भूल तो गया होता क्या करूँ याद आ ही … [Read more...]
Waseem Barelvi – Chalo ham hi pahal kar de ki ham se bad-guman kyun ho | वसीम बरेलवी – चलो हम ही पहल कर दें कि हम से बद-गुमाँ क्यूँ हो
Waseem Barelvi - Chalo ham hi pahal kar de ki ham se bad-guman kyun ho | वसीम बरेलवी - चलो हम ही पहल कर दें कि हम से बद-गुमाँ क्यूँ हो ****** चलो हम ही पहल कर दें कि हम से बद-गुमाँ क्यूँ हो चलो हम ही पहल कर दें कि हम से बद-गुमाँ क्यूँ हो कोई रिश्ता ज़रा सी ज़िद की ख़ातिर राएगाँ क्यूँ हो मैं ज़िंदा हूँ तो इस ज़िंदा-ज़मीरी की बदौलत ही जो बोले तेरे लहजे में भला मेरी ज़बाँ क्यूँ हो सवाल … [Read more...]
Waseem Barelvi – Khwab dekhun, khwab si tabeer ho sakti nahi | वसीम बरेलवी – ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नही
Waseem Barelvi - Khwab dekhun, khwab si tabeer ho sakti nahi | वसीम बरेलवी - ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नही ***** ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नही ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नही जो बदल जाये, मेरी तक़्दीर हो सकती नही मेरी जानिब हों निगाहें , दिल में कोइ और हो इतनी लापरवाह तेरी तसवीर हो सकती नहीं रौंदते जाते हो रिश्ते , तोडते जाते हो दिल इस तरह तो कोई भी … [Read more...]
Waseem Barelvi – Koi mausam nahi khud ko doharaayega | वसीम बरेलवी – कोई मौसम नही ख़ुद को दोहरायेगा
Waseem Barelvi - Koi mausam nahi khud ko doharaayega | वसीम बरेलवी - कोई मौसम नही ख़ुद को दोहरायेगा ****** कोई मौसम नही ख़ुद को दोहरायेगा कोई मौसम नही ख़ुद को दोहरायेगा तू गया, तो गया, फ़िर कहां आयेगा रात मेरी नही, रात तेरी नही जिसने आंखों मे काटी, वही पायेगा लोग कुछ भी कहे और मै चुप रहूं यह सलीक़ा मुझे जाने कब आयेगा कोई मंज़र भरोसे के काबिल नही तेरी आंखो का दु ख और बढ जायेगा आसमां जब … [Read more...]
Waseem Barelvi – Kaisa dariya hai ki pyaasa to na marne dega | वसीम बरेलवी – कैसा दरिया है कि प्यासा तो न मरने देगा
Waseem Barelvi - Kaisa dariya hai ki pyaasa to na marne dega | वसीम बरेलवी - कैसा दरिया है कि प्यासा तो न मरने देगा ***** कैसा दरिया है कि प्यासा तो न मरने देगा कैसा दरिया है कि प्यासा तो न मरने देगा अपनी गहराई का अंदाज़ा न करने देगा ख़ाक़-ए-पा हो के मिलो, जिससे मिलो, फिर देखो इस बुलंदी से तुम्हें कौन उतरने देगा प्यार तहज़ीब-ए-तअल्लुक़ का अजब बंधन है कोई चाहे, तो हदें पार न करने … [Read more...]
Waseem Barelvi – Kuchh itna khauf ka mara hua bhi pyar na ho | वसीम बरेलवी – कुछ इतना ख़ौफ़ का मारा हुआ भी प्यार न हो
Waseem Barelvi - Kuchh itna khauf ka mara hua bhi pyar na ho | वसीम बरेलवी - कुछ इतना ख़ौफ़ का मारा हुआ भी प्यार न हो ***** कुछ इतना ख़ौफ़ का मारा हुआ भी प्यार न हो कुछ इतना ख़ौफ़ का मारा हुआ भी प्यार न हो वो ए'तिबार दिलाए और ए'तिबार न हो हवा ख़िलाफ़ हो मौजों पे इख़्तियार न हो ये कैसी ज़िद है कि दरिया किसी से पार न हो मैं गाँव लौट रहा हूँ बहुत दिनों के बाद ख़ुदा करे कि उसे मेरा इंतिज़ार … [Read more...]
Waseem Barelvi – Kahan sawab kahan kya azab hota hai | वसीम बरेलवी – कहाँ सवाब कहाँ क्या अज़ाब होता है
Waseem Barelvi - Kahan sawab kahan kya azab hota hai | वसीम बरेलवी - कहाँ सवाब कहाँ क्या अज़ाब होता है ***** कहाँ सवाब कहाँ क्या अज़ाब होता है कहाँ सवाब कहाँ क्या अज़ाब होता है मोहब्बतों में कब इतना हिसाब होता है बिछड़ के मुझ से तुम अपनी कशिश न खो देना उदास रहने से चेहरा ख़राब होता है उसे पता ही नहीं है कि प्यार की बाज़ी जो हार जाए वही कामयाब होता है जब उस के पास गँवाने को कुछ नहीं … [Read more...]
Waseem Barelvi – Kabhi lafzon se gaddari na karna | वसीम बरेलवी – कभी लफ़्ज़ो से गद्दरी न करना
Waseem Barelvi - Kabhi lafzon se gaddari na karna | वसीम बरेलवी - कभी लफ़्ज़ो से गद्दरी न करना ***** कभी लफ़्ज़ो से गद्दरी न करना कभी लफ़्ज़ो से गद्दरी न करना ग़ज़ल पढना, अदाकारी न करना जो मेरी ज़िन्दगी के साथ की है वही मरने पे फ़नकारी न करना मेरे बच्चों के आंसू पोंछ देना लिफाफे का टिकट जारी न करना इलाही ख़ाक तो कर देना, लेकिन किसी शोले को चिंगारी न करना वसीम बरेलवी <------ क़तरा … [Read more...]
Waseem Barelvi – Qatra hoon apni had se guzarta nahi | वसीम बरेलवी – क़तरा हूं, अपनी हद से गुज़रता नही
Waseem Barelvi - Qatra hoon apni had se guzarta nahi | वसीम बरेलवी - क़तरा हूं, अपनी हद से गुज़रता नही ***** क़तरा हूं, अपनी हद से गुज़रता नही क़तरा हूं, अपनी हद से गुज़रता नही मै समन्दर को बदनाम करता नही तू अगर एक हद से गुज़रता नही मैं भी अपनी हदे पार करता नही अपनी कम-हिम्मती को दुआ दीजिये पर किसी के कोई यूं कतरता नही जाने क्या हो गयी इसकी मासूमियत अब ये बचचा धमाकों से डरता नही बस, … [Read more...]
Waseem Barelvi – Qatra ab ehtejaj kare bhi to kya mile | वसीम बरेलवी – क़तरा अब एहतिजाज करे भी तो क्या मिले
Waseem Barelvi - Qatra ab ehtejaj kare bhi to kya mile | वसीम बरेलवी - क़तरा अब एहतिजाज करे भी तो क्या मिले ***** क़तरा अब एहतिजाज करे भी तो क्या मिले क़तरा अब एहतिजाज करे भी तो क्या मिले दरिया जो लग रहे थे समंदर से जा मिले हर शख्स दौड़ता है यहां भीड़ की तरफ फिर यह भी चाहता है उसे रास्ता मिले इस आरज़ू ने और तमाशा बना दिया जो भी मिले हमारी तरफ देखता मिले दुनिया को दूसरों की नज़र से न … [Read more...]