Tum Ho Mere Sath Me Poem In Hindi – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’ राजसमंद द्वारा रचित रचना ‘तुम हो मेरे साथ में’
‘तुम हो मेरे साथ में’ (Tum Ho Mere Sath Me)
सुबह में,सांझ में
दिन में,रात में
तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में
तुम हो मेरे साथ में
हौसलों,उड़ान में
धरा,आसमान में
मंजिल की राह में
कदम कदम साथ में
तुम हो मेरे साथ में
आचार में,विचार में
दिल में,खयाल में
एक नये ख्वाब में
हरदम हो पास में
तुम हो मेरे साथ में
तन में,मन में
बस्ती में,वन में
योग व ध्यान में
सांसों के साथ में
तुम हो मेरे साथ में
मित में,यार में
प्रीत में,प्यार में
यादों के हार में
सुगंध के साथ में
तुम हो मेरे साथ में
मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
राजसमंद
मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’ राजसमंद द्वारा रचित रचनाएं-
- रुढ़ कर तुम मुझसे कहां जाओगी
- काह्ना
- कही से महक आई हैं
- जन जन झूम रहा हैं
- ‘पानी पिचकारी भर लायो हैं कन्हैया’
- ‘तेरे कारण ही घर में हुई थी दीवार खड़ी’
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