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Pustak Diwas – कमलेश जोशी ‘कमल’ राजसमंद द्वारा पुस्तक दिवस पर रचित काव्य-रचना
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पुस्तक दिवस (Pustak Diwas)
उपवन मे खिले कुछ फूल उठा लेते हैं
आओ किताबों को अपना बना लेते है।।
ऑनलाइन मे पन्ने पलटे नही जाते
फट रही किताबों पे जिल्द चढा देते हैं ।।
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कुछ शीशों मे कैद, कुछ ताक मे रखी
चलो इनको आज गले लगा लेते हैं।।
लिखा होगा किसी ने बडे इत्मीनान से
उन भावनाओं को दिल मे बसा लेते हैं।।
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किताबें मुखरित होगी, वो मुस्कराएगी
दिवस इनका अविस्मरणीय बना लेते हैं।।
कमलेश जोशी ‘कमल’
राजसमंद
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