Main Na Jaunga Ab Yun, Tujhe Chodkar Poem In Hindi – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’ राजसमंद द्वारा रचित रचना ‘मैं ना जाउंगा अब यूं, तुझे छोड़कर’
‘मैं ना जाउंगा अब यूं, तुझे छोड़कर’ (Main Na Jaunga Ab Yun, Tujhe Chodkar)
मैं ना जाउंगा अब यूं,तुझे छोड़कर|
ना जाउंगा अब मैं,ये मुख मोड़कर|
तुझको देखा,तो चाहा,तो प्यार किया|
जो था सब कुछ वो न्योछावर किया|
तेरी आंखों पे सारे सितारें झुके|
तेरे दर्शन की चाह में ये चांद रुके|
कोई जाता नहीं बिना तुझे देखकर|
कोई जाता नहीं हैं यूं रुख मोड़कर|
मैं ना जाउंगा अब यूं,तुझे छोड़कर|
ना जाउंगा अब मैं,ये मुख मोड़कर|1|
वो बातें, इरादें, वो यादें सजी|
दिल में चाहत की कुछ तब तरंगें उठी|
बासंती नशीली हवाएं चली|
तुझसे मिलने की दिल में उमंगें पली|
आजा ना जा अकेला मुझे छोड़कर|
जीवन के सफर में तन्हा छोड़कर|
मैं ना जाउंगा अब यूं, तुझे छोड़कर|
ना जाउंगा अब मैं, ये मुख मोड़कर|2|
रग में, रोम में, रुह में तू ही तू|
रक्त के रंग में भी बसी तू ही तू|
दिल के सागर में भावों की लहरें उठी|
प्रेम की नौका में यूं हलचल हुई|
ना जाउंगा मझधार में छोड़कर|
दौड़ आउंगा मैं तुझे देखकर|
मैं ना जाउंगा अब यूं, तुझे छोड़कर|
ना जाउंगा अब मैं, ये मुख मोड़कर|3|
मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
राजसमंद
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