Ahmad Faraz (अहमद फ़राज़)
*****
Silsile tod gaya woh sabhi jaate jaate
Silsile tod gaya woh sabhi jaate jaate
Warna itane to maraasim the ke aate jaate
Siqwa-e-julmat-e-shab se to kahin behatar tha
Apne hisse ki koi shama jalaate jaate
Kitna aasaan tha tere hizr mein marna jaana
Phir bhi ik umar lagi jaan se jaate jaate
Jshan-e-maqtal hi na barpa hua varna ham bhi
Paaba-julaan hi sahi naachte gaate jaate
Uski wo jaane use paas-e-wafa tha ke na tha
Tum Faraz apni taraf se to nibhaate jaate
Ahmad Faraz
<—–Achha tha agar zakhm na bharte koi din aur Rog aise bhi gham-e-yaar se lag jaate hain—–>
Collection of Ghazals and Lyrics of Ahmad Faraz
*****
सिलसिले तोड़ गया वो सभी जाते जाते
सिलसिले तोड़ गया वो सभी जाते जाते
वरना इतने तो मरासिम* थे के आते जाते
शिकवा-ए-ज़ुल्मत-ए-शब्* से तो कहीं बेहतर था
अपने हिस्से की कोई शमां जलाते जाते
कितना आसां था तेरे हिज्र* में मरना जाना
फिर भी इक उम्र लगी जान से जाते जाते
जश्न-ए-मकतल* ही न बरपा हुआ वरना हम भी
पाब-जूलां* ही सही नाचते गाते जाते
उसकी वो जाने उसे पास-ए-वफ़ा* था के न था
तुम फ़राज़ अपनी तरफ से तो निभाते जाते
मरासिम = संबंध
शिकवा-ए-ज़ुल्मत-ए-शब् = अँधेरी रात की शिकायत
हिज्र = जुदाई
मकतल = कत्लखाना
पाब-जूलां = जंजीर से बंधे हुए पैर
पास -ए -वफ़ा = प्यार के लिए सम्मान
अहमद फ़राज़
<—–अच्छा था अगर ज़ख्म न भरते कोई दिन और रोग ऐसे भी ग़म-ए-यार से लग जाते हैं—–>
अहमद फ़राज़ की ग़ज़लों और गीतों का संग्रह
*****
Tag – Famous, Best, Latest, Shayari, Sher, Ghazal, Poetry, Poem, Kavita, Lyrics, Ashaar, Meaning, Hindi, Urdu, प्रसिद्ध, शायरी, शेर, ग़ज़ल, पोयम, कविता, लिरिक्स, अशआर, हिंदी, उर्दू,
Join the Discussion!