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Paanch Dohe In Hindi – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’ राजसमंद द्वारा रचित रचना ‘पांच दोहे’
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पांच दोहे
कनक आंचल लहराता,गांव धरा का आज|
फसलें भी जवान हुई,बजे लगन के साज||1||
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देखभाल फसल की की,पुत्री समझ के रोज|
कर पीले कर लिए हैं,दिल का उतरा बोज||2||
तन मन से पाला उसे,मान बदन का अंग|
विवाह हुआ चली गई, कहां रहीं अब संग||3||
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पीहर से पति घर गई,वही बना घरबार|
अब माता – पिता के घर,पुत्री का इंतजार||4||
बेटी अपने घर गई,पति में उसकी जान|
सारी चिंता मिट गई,करें हिम नीर पान||5||
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मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
राजसमन्द
मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’ राजसमंद द्वारा रचित रचनाओं का संग्रह
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