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Top 100 Aankhein Shayari
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1
महफिल अजीब है, ना ये मंजर अजीब है
जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है
ना डूबने देता है, ना उबरने देता है
उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है
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2
जाने क्यों डूब जाता हूँ हर बार इन्हें देख कर
इक दरिया हैं या पूरा समंदर हैं तेरी आँखें
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3
मेरी आंखों के आंसू कह रहे मुझसे
अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता
न रोक पलको से खुल कर छलकने दे
अब यूं इन आंखों में रहा नहीं जाता
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4
शाखेंगुल झूम के गुलज़ार में सीधी जो हुई
आ गया आँखों में नक़्शा तेरी अँगड़ाई का
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5
बहुत खूबसूरत हैं ये आँखें तुम्हारी
इन्हें बना दो किस्मत हमारी
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी
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6
खुलते हैं मुझ पे राज कई इस जहान के
उसकी हसीन आँखों में जब झाँकता हूँ मैं
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7
सामने ना हो तो तरसती हैं आँखें
याद में तेरी बरसती हैं आँखें
मेरे लिए ना सही, इनके लिए ही आ जाया करो
तुमसे बेपनाह मोहब्बत करती हैं ये आँखें
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8
तुम्हारी आँखों की ‘तौहीन’ है ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है
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9
हर बार तेरी मुस्कुराती आँखों को देखते हैं हम
चले आते हैं हम तेरे पास खयालो में उड़ते हुए
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10
नशीली आंखो से वो जब हमें देखते हैं
हम घबरा के अपनी ऑंखें झुका लेते हैं
कैसे मिलाए हम उन आँखों से आँखें
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं
Top 100 Aankhein Shayari
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11
यूँ ही गुजर जाती है शामें अंजुमन में तुम्हारी
कुछ तेरी आँखों के बहाने कुछ तेरी बातो के बहाने
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12
अब तो आँसू भी नही आते आँखों में
हर ज़ख़्म नासूर सा लगता है
मोहब्बत ऐसे मोड़ पर लाई है के
अब अपना नाम भी बेगाना सा लगता है
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13
सुकून की तलाश में तुम्हारी आँखों में झाँका था हमने
किसे पता था कम्बखत दिल का दर्द और मिल जाएगा
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14
रात की गहराई आँखों में उतर आई
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई
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15
अदा है, ख्वाब है, तकसीम है, तमाशा है
तेरी इन आँखों में एक शख्स बेतहाशा है
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16
आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं
हर वक्त आपको ही बस याद करती हैं
जब तक न कर ले दीदार आपका
तब तक वो आपका इंतजार करती हैं
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17
मेरे होठों ने हर बात छुपा कर रखी थी
आँखों को ये हुनर कभी आया ही नहीं
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18
सामने ना हो तो तरसती हैं आँखें
याद में तेरी बरसती हैं आँखें
मेरे लिए नहीं इनके लिए ही आ जाओ
आपका बेपनाह इंतज़ार करती हैं आँखें
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19
आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या दिए
हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी
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20
ऐ समंदर मैं तुझसे वाकिफ हूँ
मगर इतना बताता हूँ
वो ऑंखें तुझसे गहरी हैं
जिनका मैं आशिक हूँ
Top 100 Aankhein Shayari
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21
उस की निगाह में इतना असर था ‘फ़राज़’
खरीद ली उसने एक नज़र में ज़िन्दगी हमारी
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22
आपने नज़र से नज़र जब मिला दी
हमारी ज़िन्दगी झूम कर मुस्कुरा दी
जुबान से तो हम कुछ भी न कह सके
पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी
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23
मिली जब उनसे नज़र, बस रहा था एक जहां
हटी निगाह तो चारों तरफ थे वीराने
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24
सामने ना हो तो तरसती हैं ये आँखें
बिन तेरे बहुत बरसती हैं ये आँखें
मेरे लिए ना सही इनके लिए ही आ जाओ
क्योंकि आपसे बेपनाह प्यार करती हैं ये आँखें
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25
झील अच्छा, कँवल अच्छा के जाम अच्छा है
तेरी आँखों के लिए कौन सा नाम अच्छा है
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26
नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली
रहे दोनों खामोश पर बात कर ली
मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया
इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली
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27
जो उनकी आँखों से बयान होते हैं
वो लफ्ज शायरी में कहाँ होते हैं
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28
आँखों में तेरी डूब जाने को दिल चाहता है
इश्क में तेरे बर्बाद होने को दिल चाहता है
कोई संभाले मुझे, बहक रहे है मेरे कदम
वफ़ा में तेरी मर जाने को दिल चाहता है
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29
यूँ ही गुजर जाती है शाम अंजुमन में
कुछ तेरी आँखों के बहाने कुछ तेरी बातो के बहाने
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30
दिल नहीं लगता आपको देखे बिना
दिल नहीं लागता आपको सोचे बिना
आँखें भर आती हैं ये सोच कर
कि किस हाल में होंगे आप हमारे बिना
Top 100 Aankhein Shayari
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31
साकी देख ज़माने ने कैसी तुहमत लगायी हैं
आँखें तेरी नशीली हैं शराबी मुझे कहते हैं
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32
उदास आँखों में अपना करार देखा है
पहली बार उसे बेक़रार देखा है
जिसे खबर ना होती थी मेरे आने जाने की
उसकी आँखों में अब इंतज़ार देखा है
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33
पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त
आँखों में डूबने वालों का अंजाम बुरा होता है
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34
समंदर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं
तेरी आँखों को पड़ता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं
तुम्हारा नाम लिखने कि इजाजत छीन गयी जब से
कोई भी लफ्ज़ लिखता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं
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35
सोचते ही रहे पूछेंगे तेरी आँखों से ऐ सनम
किस से सीखा है हुनर दिल में उतर जाने का
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36
अगर कुछ सीखना ही है
तो आँखों को पढ़ना सीख लो
वरना लफ़्ज़ों के मतलब तो
हजारों निकाल लेते हैं लोग
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37
नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से
मैंने आने न दिया उसको कभी तेरी याद से पहले
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38
आँखें नीची हुई तो हया बन गई
आँखें ऊँची हुई तो दुआ बन गई
आँखें उठ कर झुकी तो अदा बन गई
आँखें झुक कर उठी तो कदा बन गई
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39
ये आँखें हैं जो तुम्हारी किसी ग़ज़ल की तरह खुबसूरत हैं
कोई पढ़ ले इन्हें जो एक दफा तो शायर हो जाए
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40
आँखे खोलू तो चेहरा सामने तुम्हारा हो
बंद करू तो ख्वाब तुम्हारा हो
मर जाऊ तो भी कोई गम नही
अगर कफ़न के बदले आँचल तुम्हारा हो
Top 100 Aankhein Shayari
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41
चख के देख ली दुनिया भर की शराब की बोतलें
जो नशा तेरी आँखों में था वो किसी में नहीं
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42
रात गुजारी फिर महकती सुबह आई
दिल धड़का फिर तुम्हारी याद आई
आँखों ने महसूस किया उस हवा को
जो तुम्हें छु कर हमारे पास आई
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43
तेरी आँखों मैं बहुत देर तक कोई अक्स नहीं रहता
तेरा तो पता नहीं तुझसे मिल कर मैं मुझसा नहीं रहता
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44
तेरी हर अदा नशीली है इतनी की
किसी और नशे की जरुरत ही न पड़े
डूब जाना चाहता हूँ तेरी आँखों में
इतना की निकलने की जरुरत न पड़े
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45
जो सुरूर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में
बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में
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46
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही
वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही
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47
तुम्हारी बेरुखी ने लाज रख ली मैखाने की
तुम आँखों से पिला देते तो पैमाने कहाँ जाते
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48
चिरागों को आंखों में महफूज रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी
मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर हैं हम भी
किसी मोड़ पर, फिर मुलाकात होगी
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49
कभी पैगाम लिया है कभी पैगाम दिया है
आँखों ने मोहब्बत में बड़ा काम किया है
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50
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समन्दर नहीं देखा
पत्थर कहता है मुझे मेरा चाहनेवाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छूकर नहीं देखा
Top 100 Aankhein Shayari
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51
क्या कशिश थी उसकी आँखों में मत पूछो
मुझसे मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे येही चाहिए
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52
तू नहीं तो ज़िंदगी में क्या रह जायेगा
दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जायेगा
आँखें ताज़ा मंज़रों में खो जायेंगी मगर
दिल पुराने मौसमों को ढूंढ़ता रह जायेगा
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53
शोर न कर धड़कन ज़रा, थम जा कुछ पल के लिए
बड़ी मुश्किल से मेरी आखों में उसका ख्वाब आया है
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54
होंठों पे उल्फत का नाम होता है
आँखों में छलकता जाम होता है
तलवारों की ज़रूरत वहां कैसे
जहाँ नज़रों से कत्ल-ए-आम होता है
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55
पीते पीते जब भी आया तेरी आँखों का ख्याल
मैंने अपने हाथ से तोड़े हैं पैमाने बहुत
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56
दूरियों की परवाह ना कीजिये
जब दिल चाहे बुला लीजिये
हम ज्यादा दूर नहीं आपसे
बस आँखों को पलकों से मिला लीजिये
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57
हम तो फ़ना हो गए उन को की आँखें देख कर ग़ालिब
ने जाने वो आईना कैसे देखते होंगे
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58
मोहब्बत के सपने दिखाते बहुत हैं
वो रातों में हमको जगाते बहुत हैं
मैं आँखों में काजल लगाऊं तो कैसे
इन आँखों को लोग रुलाते बहुत हैं
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59
उसकी कुदरत देखता हूँ तेरी आँखें देखकर
दो पियालों में भरी है कैसे लाखों मन शराब
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60
जब भी हाथ उठे हैं दुआ के लिए
मेरे लबों पे तेरा ही नाम आया
कब से आँख में छुपा के रखा था
तेरे दुःख में आज वही आंसू काम आया
Top 100 Aankhein Shayari
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61
चख के देख ली दुनिया भर की शराब
जो नशा तेरी आँखों में था वो किसी में नहीं
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62
ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें
हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें
मर गए हम मगर खुली रही ये आँखें
इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें
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63
मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ, वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ
एक जंगल है तेरी आँखों में, मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ
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64
नशीली आंखो से वो जब हमें देखते हैं
हम घबरा के अपनी ऑंखें झुका लेते हैं
कैसे मिलाए हम उन आँखों से आँखें
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं
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65
नकाब तो उनका सिर से लेकर पाँव तक था
मगर आँखें बता रही थी कि मोहब्बत की शौकीन वो भी थी
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66
मेरी आंखों के आंसू कह रहे मुझसे
अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता
न रोक पलको से खुल कर छलकने दे
अब यूं इन आंखों में रहा नहीं जाता
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67
डूब कर तेरी झील सी गहरी आँखों में
एक मयकश भी शायद पीना भूल जाए
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68
आँखों में तेरी डूब जाने को दिल चाहता है
इश्क में तेरे बर्बाद होने को दिल चाहता है
कोई संभाले मुझे, बहक रहे है मेरे कदम
वफ़ा में तेरी मर जाने को दिल चाहता है
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69
तेरी सूरत जो भरी रहती है आँखों में सदा
अजनबी चेहरे भी पहचाने से लगते हैं मुझे
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70
दिल नहीं लगता आपको देखे बिना
दिल नहीं लागता आपको सोचे बिना
आँखें भर आती हैं ये सोच कर
कि किस हाल में होंगे आप हमारे बिना
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71
खुदा जाने मेरे किया वजन है उनकी निगाहों में
सुना है आदमी को एक नजर में तोल लेते हैं
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उदास आँखों में अपना करार देखा है
पहली बार उसे बेक़रार देखा है
जिसे खबर ना होती थी मेरे आने जाने की
उसकी आँखों में अब इंतज़ार देखा है
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73
नशे में डूबे कोई, कोई जिए, कोई मरे
तीर क्या तेरी आँखों की कमाँ छोड़ती है
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74
समंदर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं
तेरी आँखों को पड़ता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं
तुम्हारा नाम लिखने कि इजाजत छीन गयी जब से
कोई भी लफ्ज़ लिखता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं
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75
डूबा हुआ हूँ ना निकल पाऊँगा मैं कभी
ख़ूबसूरत मुस्कुराहट और आँखों से तेरी
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76
अब तो आँसू भी नही आते आँखों में
हर ज़ख़्म नासूर सा लगता है
मोहब्बत ऐसे मोड़ पर लाई है के
अब अपना नाम भी बेगाना सा लगता है
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77
जाने क्या कशिश है तुम्हारी मदहोश आँखों में
नज़र अंदाज़ जितना करो नज़र तुम्हीं पे ही पड़ती है
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78
आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं
हर वक्त आपको ही बस याद करती हैं
जब तक न कर ले दीदार आपका
तब तक वो आपका इंतजार करती हैं
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79
तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है
कोई ख़्वाब नया आए तो कैसे आए
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80
आपने नज़र से नज़र जब मिला दी
हमारी ज़िन्दगी झूम कर मुस्कुरा दी
जुबान से तो हम कुछ भी न कह सके
पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी
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81
क्या कशिश थी तुम्हारी आँखों मे
तुझको देखा और तेरा हो गया
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82
सामने ना हो तो तरसती हैं ये आँखें
बिन तेरे बहुत बरसती हैं ये आँखें
मेरे लिए ना सही इनके लिए ही आ जाओ
क्योंकि आपसे बेपनाह प्यार करती हैं ये आँखें
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83
तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती हैं
जरा अपनी आँखों पे पलके गिरा दो
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84
सामने ना हो तो तरसती हैं आँखें
याद में तेरी बरसती हैं आँखें
मेरे लिए नहीं इनके लिए ही आ जाओ
आपका बेपनाह इंतज़ार करती हैं आँखें
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85
सुकून की तलाश में तुम्हारी आँखों में झाँका था
किसे पता था कम्बखत दिल का दर्द और मिल जाएगा
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86
ऐ समंदर मैं तुझसे वाकिफ हूँ
मगर इतना बताता हूँ
वो ऑंखें तुझसे गहरी हैं
जिनका मैं आशिक हूँ
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87
जब बिखरेगा तेरी गालों पे तेरी आँखों का पानी
तब तुझे एहसास होगा की मोहब्बत किसे कहते है
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88
आँखें नीची हुई तो हया बन गई
आँखें ऊँची हुई तो दुआ बन गई
आँखें उठ कर झुकी तो अदा बन गई
आँखें झुक कर उठी तो कदा बन गई
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89
तेरी आँखों की कशिश भी खींचती है इस कदर
ये दिल सिर्फ बहलता नहीं बहक जाने की जिद करता है
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90
आँखे खोलू तो चेहरा सामने तुम्हारा हो
बंद करू तो ख्वाब तुम्हारा हो
मर जाऊ तो भी कोई गम नही
अगर कफ़न के बदले आँचल तुम्हारा हो
Top 100 Aankhein Shayari
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91
रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने
अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर
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92
रात गुजारी फिर महकती सुबह आई
दिल धड़का फिर तुम्हारी याद आई
आँखों ने महसूस किया उस हवा को
जो तुम्हें छु कर हमारे पास आई
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93
अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को
समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है
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94
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही
वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही
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95
जो उनकी आँखों से बयां होते हैं
वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं
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96
चिरागों को आंखों में महफूज रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी
मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर हैं हम भी
किसी मोड़ पर, फिर मुलाकात होगी
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97
ज़ीना मुहाल कर रखा है मेरी इन आँखों ने
खुली हो तो तलाश तेरी बंद हो तो ख्वाब तेरे
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98
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समन्दर नहीं देखा
पत्थर कहता है मुझे मेरा चाहनेवाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छूकर नहीं देखा
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99
तुमने कहा था, आँख भर के देख लिया करो मुझे
अब आँख भर आती है पर तुम नज़र नहीं आते
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100
तू नहीं तो ज़िंदगी में क्या रह जायेगा
दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जायेगा
आँखें ताज़ा मंज़रों में खो जायेंगी मगर
दिल पुराने मौसमों को ढूंढ़ता रह जायेगा
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101
मुझे मालूम है तुमने बहुत बरसातें देखी है,
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है
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102
रात की गहराई आँखों में उतर आई
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई
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103
“ऐ समन्दर”
मैं तुझसे वाकिफ नहीं हूँ मगर इतना बताता हूँ,
वो आँखें तुझसे ज़्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूँ.
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104
मोहब्बत के सपने दिखाते बहुत हैं
वो रातों में हमको जगाते बहुत हैं
मैं आँखों में काजल लगाऊं तो कैसे
इन आँखों को लोग रुलाते बहुत हैं
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105
वो शख्स जिसकी आँखों में इंकार के सिवा कुछ भी नही,
ना जाने क्यों उसकी आँखों पे जिंदगी लुटाने को जी चाहता है
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106
जब भी हाथ उठे हैं दुआ के लिए
मेरे लबों पे तेरा ही नाम आया
कब से आँख में छुपा के रखा था
तेरे दुःख में आज वही आंसू काम आया
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107
तेरी आँखों से ही खुलते हैं, सवेरों के उफूक़(क्षितिज)
तेरी आँखों से बन्द होती है ये सीप की रात
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108
होंठों पे उल्फत का नाम होता है
आँखों में छलकता जाम होता है
तलवारों की ज़रूरत वहां कैसे
जहाँ नज़रों से कत्ल-ए-आम होता है
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109
मुझ से कहती थी वो शराबी आँखे
आप वो जहर मत पिया कीजिये
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110
दूरियों की परवाह ना कीजिये
जब दिल चाहे बुला लीजिये
हम ज्यादा दूर नहीं आपसे
बस आँखों को पलकों से मिला लीजिये
Top 100 Aankhein Shayari
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111
तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती हैं
जरा अपनी आँखों पे पलकों के परदे गिरा दो
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112
सामने ना हो तो तरसती हैं आँखें
याद में तेरी बरसती हैं आँखें
मेरे लिए ना सही, इनके लिए ही आ जाया करो
तुमसे बेपनाह मोहब्बत करती हैं ये आँखें
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113
क़ैद ख़ानें हैं, बिन सलाख़ों के
कुछ यूँ चर्चें हैं , तुम्हारी आँखों के
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Top 100 Judai Shayari | Top 100 जुदाई शायरी
प्रसिद्ध शायरों की शायरियों का विशाल संग्रह
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