Poems On Yoga Day In Hindi | Yog Diwas Par Kavita | Hindi Poem On Yoga Day | योग दिवस पर कवितायें
*****
आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनायें,
गांव-गांव और शहर-शहर में, इसकी अलख जगायें
योग का मतलब है जोड़ना,
मोह को मन से तोड़ना,
मानव को प्रकृति से जोड़ना,
चित्त की वृत्तियों को सिकोड़ना।
बस इतनी सी बात, लोगों को समझायें
आओ हम सब मिलकर, योग दिवस मनायें।
इसमें न कोई खर्चा, न कोई और दिखावा है,
स्वस्थ रहें हम कैसे, बस इसका ही बढ़ावा है।
लेकर चटाई हम सब, धरती पर बैठ जायें,
आओ हम सब मिलकर, योग दिवस मनायें।
चाहे खड़े हों, चाहे बैठे हों, या चाहे हों लेटे,
योग एक स॔तुलन है, विविध विधा लपेटे।
गहरी लम्बी सांस खींचकर, इसे शुरू करायें,
आओ हम सब मिलकर, योग दिवस मनायें।
पद्मासन हो वज्रासन हो, या हो चकरा आसन,
ध्यानमग्न हो बैठ जायें, बिना करे प्राशन।
सबसे पहले उठकर, इसको ही अपनायें,
आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनायें।
योग बहुत है फायदेमंद, जैसे शाक मूल और कंद,
मिट जाये सारे मन के द्वंद्व, बिना क्लेश और बिना क्रंद।
दैनिक जीवनचर्या का, हिस्सा इसे बनायें,
आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनायें।
आयुर्वेद और योग का, झंडा हम फहरायें,
भारतदेश और विश्व को, रोगमुक्त बनायें।
इसी प्रतिज्ञा को लेकर, हम आगे बढ़ते जायें,
आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनायें।
डॉ. मनजीत कौर
*****
भाई अपने तन से मन से, दूर कुरोग करें।
आओ योग करें। आओ योग करें।।
स्वास्थ्य हमारा अच्छा है तो, सारा कुछ है अच्छा।
रोग ग्रसित अब नहीं एक भी, हो भारत का बच्चा।।
सूर्योदय से पहले उठकर, निपटे नित्य क्रिया।
सदा निरोगी काया जिसकी, जीवन वही जिया।।
उदाहरण कोई बन जाए, वह उद्योग करें।।
आओ योग करें। आओ योग करें।।
सांसों का भरना-निकालना, प्राणायाम हुआ।
अपने दिल-दिमाग का भाई, यह व्यायाम हुआ।।
किया भ्रामरी और भस्त्रिका, शुचि अनुलोम-विलोम।
सुन्दर है कपाल की भाती, पुलक उठे हर रोम।।
सांस-सांस द्वारा ईश्वर से, हम संयोग करें।
आओ योग करें। आओ योग करें।।
सभी शक्तियों का यह तन है, सुन्दर एक खजाना।
यौगिक क्रिया-कलापों द्वारा, सक्रिय इन्हें बनाना।।
फल-मेवा-पकवान दूध-घी, सब कुछ मिला प्रकृति से।
हमने निज खाना-पीना ही, किया विकृत दुर्मति से।।
ज्ञान और अपने विवेक से, हम सब भोग करें।
आओ योग करें। आओ योग करें।।
पानी और हवा दूषित हो, कुछ न करें ऐसा हम।
चले संभलकर थोड़ा तो यह, दुनिया बड़ी मनोरम।।
सुख से जिएं और सुख से ही, हम जीने दें सबको।
वेद-पुराण-शास्त्र सारे ही, यह बतलाते हमको।।
ईश प्रदत्त शक्ति-साधन का, हम उपयोग करें।
आओ योग करें। आओ योग करें।।
रुद्रपकाश गुप्त ‘सरस’
*****
Poems On Yoga Day In Hindi | Yog Diwas Par Kavita | Hindi Poem On Yoga Day
यह भी पढ़े –
- Yoga Day Shayari In Hindi | योग डे शायरी
- Yoga Day Status In Hindi | योग डे स्टेटस
- 20 World Famous Yoga Gurus (योग गुरु) – जिन्होंने दिलाई योग को एक नई पहचान
- Tips To Do Yoga : योग करते समय रखे ये सावधानियां, वरना हो जाएगा नुकसान
Join the Discussion!