Nirjala Ekadashi Ke Upay | Bhimseni Ekadashi Ke Upay | ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। निर्जला एकादशी के व्रत को अन्य सभी एकादशियों के व्रत से श्रेष्ठ माना जाता है। निर्जला एकादशी का व्रत अन्य सभी एकादशी के व्रत से कठिन होता है क्योंकि इसमें आहार के साथ साथ पानी का भी त्याग करना पड़ता है। भरी गर्मी में आने वाले इस व्रत में बिना जल के रहना पड़ता है इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते है। चूँकि निर्जला एकादशी का व्रत कठिन है इसलिए इस व्रत का फल भी अधिक है। शास्त्रों में तो यहाँ तक कहाँ गया है कि विधिपूर्वक निर्जला एकादशी का व्रत करने से अन्य सभी एकादशियों के बराबर फल प्राप्त होता है। निर्जला एकादशी पर किये गए उपाय भी बहुत शीघ्र फल प्रदान करते हैं। आइये यहाँ जानते है निर्जला एकादशी पर करने योग्य कुछ उपाय –
यह भी पढ़े – Nirjala Ekadashi | निर्जला एकादशी व्रत कथा | व्रत विधि | महत्व
निर्जला एकादशी के उपाय | Nirjala Ekadashi Ke Upay
1. निर्जला एकादशी की शाम तुलसी के सामने गाय के घी का दीपक लगाए और ॐ वासुदेवाय नमः मंत्र बोलते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें। इससे घर में सुख शांति बनी रहती है और संकट नहीं आता हैं।
2. निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु के मंदिर में एक नारियल व थोड़े बादाम चढ़ाएं। इस उपाय से जीवन में आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती हैं व कार्यों में समस्त बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।
3. निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती हैं।
4. निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को खीर में तुलसी के पत्ते डाल कर भोग लगाए। इससे घर में शांति बनी रहती हैं।
5. निर्जला एकादशी पर पीले रंग के फल, कपड़ें व अनाज भगवान विष्णु को अर्पित करें। बाद में ये सभी चीज़ें गरीबों को दान कर दें।
6. निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन करते समय कुछ पैसे भगवान विष्णु के सामने रख दें। फिर पूजन के पश्चात यह पैसे अपने पर्स में रख लें। अब हर एकादशी पर पूजन के समय यह सिक्के भी पर्स से निकालकर पूजन में रखें। और पूजन के पश्चात पुनः अपने पर्स में रख लें। इस उपाय को करने से पैसों की तंगी नहीं रहती हैं।
7. निर्जला एकादशी पर पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। पीपल में भगवान विष्णु का वास माना जाता हैं। इससे क़र्ज़ से मुक्ति मिलती हैं।
8. निर्जला एकादशी के दिन जल में आंवले का रस डालकर स्नान करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता हैं। शास्त्रों के अनुसार जो भी ऐसा करता है उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।
9. निर्जला एकादशी के दिन मंदिरों में पानी से भरे जलपात्र, मटके आदि का दान करना चाहिए। अपने घर की छतों पर पक्षियों के लिए जलपात्र रखने चाहिए।
10. निर्जला एकादशी के दिन रात्रि में विष्णु जी के सामने नौ बत्तियों का दीपक जलाएं और एक दीपक ऐसा जलाएं जो रात भर जलता रहे। इससे माँ लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं।
11. यह भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जानी जाती है। अतः इस दिन वायु पुत्र भीम की भी पूजा करनी चाहिए।
12. निर्जला एकादशी की सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा का केसर मिले दूध से अभिषेक करें।
13. निर्जला एकादशी की सुबह स्नान आदि करने के बाद श्रीमद्भागवत कथा का पाठ करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
14. निर्जला एकादशी पर तुलसी की माला से ॐ नमो वासुदेवाय नमः का जाप करें।
15. निर्जला एकादशी के दिन सात पिली कौड़ियों और सात हल्दी हल्दी की गांठों को पीले कपड़ें में लपेटकर तिजोरी में रखें। इस उपाय को करने से भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी दोनों ही प्रसन्न होते हियँ।
16. निर्जला एकादशी पर दक्षिणावर्त शंख की पूजा करने से भी भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी प्रसन्न होते है। इससे धन लाभ भी होता हैं।
अन्य सम्बंधित लेख –
- एकादशी के दिन चावल और चावल से बनी चीजें क्यों नहीं खानी चाहिए?
- एकादशी के दिन वर्जित है ये 11 काम
- Jal Jhulani Ekadashi | जल झुलनी एकादशी व्रत कथा | व्रत विधि | महत्व
- वराह अवतार कथा – जब हिरण्याक्ष का वध करने के लिए विष्णु बने वराह
- देवशयनी एकादशी – व्रत कथा, महत्व व पूजन विधि
Pankaj Kumar says
Very good and very expensive story