Ashubh Mangal Ke Lakshan Aur Upay | हमारी जन्म कुंडली में नौ ग्रह माने गए हैं। वैसे तो सभी ग्रहों का अपना विशेष महत्व है। सभी ग्रहों का अपना अलग क्षेत्र रहता है और वे उन्हीं क्षेत्रों में हमें शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं। इन ग्रहों में मंगल ग्रह का स्थान अतिमहत्वपूर्ण माना गया है। चूंकि मंगल को सौर मंडल का सेनापति कहा जाता है अत: इनके क्रोध अर्थात अशुभ होने पर व्यक्ति को दरिद्रता भोगनी पड़ सकती है।
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यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम या द्वादश भाव में मंगल स्थित है तो ऐसे लोग मंगली माने जाते हैं। इन लोगों पर मंगल ग्रह अत्यधिक प्रभाव होता है।
मंगल अशुभ होने पर ये परेशानियां हो सकती हैं-
- अशुभ मंगल से ऋण बढ़ता है।
- भूमि संबंधी कार्यों में नुकसान हो सकता है।
- मकान बनाने में परेशानियां आती हैं।
- शरीर में दर्द रहता है। रक्त संबंधी को बीमारी हो सकती है।
- विवाह में देरी हो सकती है।
यदि किसी जातक को मंगल ग्रह के विपरीत परिणाम प्राप्त हो रहे हों तो उनकी अशुभता को दूर करने के लिए निम्र उपाय करने चाहिएं-
1. यदि मंगल देव आपसे प्रसन्न नहीं हैं अत: इन्हें प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम मार्ग है मंगल देव की भात पूजा। प्रति मंगलवार को मंगल देव के लिए विशेष पूजा-अर्चना कराएं। गरीबों की मदद करें और उन्हें खाना खिलाएं।
2. मंगल के देवता हनुमान जी हैं, अंत: मंदिर में लड्डू या बूंदी का प्रसाद वितरण करें। हनुमान चालीसा, हनुमत-स्तवन, हनुमद्स्तोत्र का पाठ करें। विधि-विधानपूर्वक हनुमान जी की आरती एवं शृंगार करें। हनुमान मंदिर में गुड़-चने का भोग लगाएं।
3. यदि संतान को कष्ट या नुक्सान हो रहा हो तो नीम का पेड़ लगाएं, रात्रि सिरहाने जल से भरा पात्र रखें एवं सुबह पेड़ में डाल दें।
4. पितरों का आशीर्वाद लें। बड़े भाई एवं भाभी की सेवा करें, फायदा होगा।
5. लाल कनेर के फूल, रक्त चंदन आदि डाल कर स्नान करें।
6. मूंगा, मसूर की दाल, ताम्र, स्वर्ण, गुड़, घी, जायफल आदि दान करें।
7. मंगल यंत्र बनवा कर विधि-विधानपूर्वक मंत्र जप करें और इसे घर में स्थापित करें।
8. मंगल मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाया नम:।’ मंत्र के 40000 जप करें या कराएं फिर दशांश तर्पण, मार्जन व खदिर की समिधा से हवन करें।
9. मूंगा धारण करें।
10. उपरोक्त मंत्र के अलावा मंगल के निम्र मंत्रों का जप भी कर सकते हैं-
ॐ अंगारकाय नम:।’
ॐ अंङ्गारकाय विद्यमहे, शक्ति हस्ताय’ धीमहि, तन्नौ भौम: प्रचोदयात्।।
अन्य उपाय : हमेशा लाल रुमाल रखें, बाएं हाथ में चांदी की अंगूठी धारण करें, कन्याओं की पूजा करें और स्वर्ण न पहनें, मीठी तंदूरी रोटियां कुत्ते को खिलाएं, ध्यान रखें, घर में दूध उबल कर बाहर न गिरे।
मंगल के लिए पूजन सामग्री- लाल मसूर की दाल, लाल वस्त्र, लाल गुलाल, दूध, दही, घी, शकर, शहद, पूजन सामग्री, गुड़, गेहूं, स्वर्ण, रक्त पुष्प, लाल कनेर के फूल। इन सभी चीजों से मंगल की पूजा करनी चाहिए। पूजा से मंगल के दोष कम हो सकते हैं।
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