Mazdoor Diwas Songs | Mazdoor Diwas Lyrics | Labour Day Songs in Hindi | Labor Day Lyrics
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हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे
हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे इक खेत नहीं, इक देश नहीं, हम सारी दुनिया मांगेंगे।
यां पर्वत-पर्वत हीरे हैं, यां सागर-सागर मोती हैं, ये सारा माल हमारा है, हम सारा खजाना मांगेंगे।
वो सेठ व्यापारी रजवारे, दस लाख तो हम हैं दस करोड, ये कब तक अमरीका से, जीने का सहारा मांगेंगे।
जो खून बहे जो बाग उजडे जो गीत दिलों में कत्ल हुए, हर कतरे का हर गुंचे का, हर गीत का बदला मांगेंगे।
जब सब सीधा हो जाएगा, जब सब झगडे मिट जायेंगे, हम मेहनत से उपजायेंगे, बस बांट बराबर खायेंगे।
हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे, इक खेत नहीं, इक देश नहीं, हम सारी दुनिया मांगेंगे।
फैज अहमद ‘फैज’
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हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेंगे
हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेंगे एक बाग़ नहीं, एक खेत नहीं, हम सारी दुनिया मांगेंगे
दौलत की अँधेरी रातों ने मेहनत का सूरज छुपा लिया दौलत की अँधेरी रातों से हम अपना सवेरा मांगेंगे
क्यों अपने खून पसीने पर हक़ हो सरमायादारी का मजदूर की मेहनत पर अब हम मजदूर का कब्ज़ा मांगेंगे
हर जोर-जुल्म की टक्कर में हड़ताल हमारा नारा हैं हर जालिम से टकरायेंगे हर जुल्म का बदला मांगेंगे
हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेंगे एक बाग़ नहीं, एक खेत नहीं, हम सारी दुनिया मांगेंगे
हसन कमाल फिल्म – मजदूर
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मेहनतकश इंसान जाग उठा
मेहनतकश इंसान जाग उठा लो धरती के ख्वाब जगे भाई, वह वह वो मिट्टी सोना हो जाये जिसमे हमारा हाथ लगे भाई
मेहनत का अरे खेल है सारा मेहनत का सच्चा है सहारा, मेहनत का अपना तो है नारा मेहनत का मेहनतकश इंसान जाग उठा
दानि क़ुदरत सब कुछ देगी ये नहीं दीन हीन राह के परवत बह जायेंगे बहा के देख पसीना
दानि क़ुदरत सब कुछ देगी ये नहीं दीन हीन राह के परवत बह जायेंगे बहा के देख पसीना
मेहनतकश इंसान जाग उठा लो धरती के ख्वाब जगे भाई, वह वह वो मिट्टी सोना हो जाये जिसमे हमारा हाथ लगे भाई
मेहनत का अरे खेल है सारा मेहनत का सच्चा है सहारा, मेहनत का अपना तो है नारा मेहनत का मेहनतकश इंसान जाग उठा
पेड़ के नीचे लेटा मुर्ख आम आम चिल्लाय लेकिन डाल तलक जो पंहुचा आम उसी ने खाए
पेड़ के नीचे लेटा मुर्ख आम आम चिल्लाय लेकिन डाल तलक जो पंहुचा आम उसी ने खाए
मेहनतकश इंसान जाग उठा लो धरती के ख्वाब जगे भाई वह वह वो मिट्टी सोना हो जाये जिसमे हमारा हाथ लगे भाई
मेहनत का अरे खेल है सारा मेहनत का सच्चा है सहारा मेहनत का अपना तो है नारा मेहनत का मेहनतकश इंसान जाग उठा
क्या कोई देगा कब तक देगा हाथ हम क्यों फैलाये क्यों न इस मिटटी से हम सपनो का महल उठाये
क्या कोई देगा कब तक देगा हाथ हम क्यों फैलाये क्यों न इस मिटटी से हम सपनो का महल उठाये
क्या कोई देगा कब तक देगा हाथ हम क्यों फैलाये क्यों न इस मिटटी से हम सपनो का महल उठाये
मेहनतकश इंसान जाग उठा लो धरती के ख्वाब जगे भाई वह वह वो मिट्टी सोना हो जाये जिसमे हमारा हाथ लगे भाई
मेहनत का अरे खेल है सारा मेहनत का सच्चा है सहारा मेहनत का अपना तो है नारा मेहनत का मेहनतकश इंसान जाग उठा
मेहनतकश इंसान जाग उठा लो धरती के ख्वाब जगे भाई वह वह वो मिट्टी सोना हो जाये जिसमे हमारा हाथ लगे भाई
मेहनत का अरे खेल है सारा मेहनत का सच्चा है सहारा मेहनत का अपना तो है नारा मेहनत का मेहनतकश इंसान जाग उठा
शैलेन्द्र फिल्म – इंसान जाग उठा
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