Hindi Vidur Neeti : हर मनुष्य के जीवन में सुख और दुख आते-जाते रहते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि कोई भी मनुष्य कभी भी पूर्ण सुखी नहीं होता। कोई न कोई कमी हर मनुष्य के जीवन में जरूर रहती है, लेकिन महाभारत के एक प्रसंग में महात्मा विदुर ने कुछ ऐसी चीजें बताई गई हैं, जो अगर किसी इंसान के पास हो तो वह कभी दुखी नहीं होता यानी वह किस्मत वाला होता है। महाभारत के उद्योग पर्व में महात्मा विदुर ने इस लोक में 6 प्रकार के सुख गिनाए हैं, जो इस प्रकार है-
विदुर कहते है की-
अर्थागमों नित्यमरोगिता च प्रिया च भार्या प्रियवादिनी च।
वश्यश्च पुत्रो अर्थकरी च विद्या षट् जीव लोकेषु सुखानि राजन्।
अर्थ- 1. धन, 2. निरोगी शरीर, 3. सुंदर पत्नी, 4. वह भी प्रिय बोलने वाली हो, 5. पुत्र का आज्ञाकारी होना और 6. धन पैदा करने वाली विद्या का ज्ञान होना – ये 6 बातें इस लोक में मनुष्य को सुख देती हैं।
1. धन
सुखी जीवन के लिए धन का होना बहुत आवश्यक है। बिना धन के न सम्मान मिलता है और न ही यश। परिवार के पालन-पोषण के लिए भी धन का होना बहुत जरूरी है। आज के समय में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी धन की जरूरत पड़ती है। बिना धन के किसी बीमारी का उपचार भी संभव नहीं है। वृद्धावस्था में धन ही सबसे बड़ा सहारा होता है। जीवन में धन की आवश्यकता सबसे अधिक बुढ़ापे में ही होती है।
2. निरोगी (स्वस्थ) शरीर
जीवन में सदैव सुखी रहने के लिए शरीर का तंदुरूस्त होने बहुत जरूरी है। अगर शरीर में कोई रोग होगा तो आप न ठीक से खा सकते हैं न पी सकते हैं। ऐसी अवस्था में आप जीवन के अनेक सुखों से वंचित रह सकते हैं। अगर आपको छोटी से भी छोटी बीमारी है तो उसके कारण आपको अनेक कष्ट सहने पड़ सकते हैं। बड़ी बीमारी होने पर अस्पताल, दवाइयां, जांचे आदि में ही बहुत समय बर्बाद हो सकता है। साथ ही धन का भी नाश होता है। जिसका शरीर निरोगी होता है वह कोई भी काम करने में सक्षम हो सकता है। आवश्यकता पड़ने पर वह शारीरिक श्रम भी कर सकता है जबकि रोगी व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता। इसलिए शरीर का निरोगी होना बहुत जरूरी है।
3. सुंदर पत्नी, 4. वह भी मीठा बोलने वाली
महाभारत में महात्मा विदुर ने सुंदर पत्नी को तीसरा और यदि वह मीठा बोलने वाली तो उसे जीवन का चौथा सुख बताया है। यह इसलिए कि पत्नी सुंदर होगी तो आपका मन बाहर की ओर नहीं भटकेगा और इस स्थिति में में किए जाने वाले पापों से आप बच जाएंगे। सुंदर पत्नी यदि मीठा बोलने वाली हो तो सोने पर सुहागा हो सकता है।
मीठा यानी सभी से नम्रतापूर्वक बात कर वह अपने परिवार के हर सदस्य को खुश रखेगी। परिवार खुश रहेगा तो आप स्वतः ही प्रसन्न रहेंगे। यदि पत्नी कटु बोलने वाली होगी पति-पत्नी में रोज किसी न किसी बात पर वाद-विवाद की स्थिति बनेगी और जीवन नरक बन जाएगा। इसलिए कहा गया है कि पत्नी सुंदर और मीठा बोलने वाली हो तो जीवन में किसी प्रकार का दुख नहीं रहता।
5. पुत्र का आज्ञाकारी होना
वर्तमान समय में सबसे बड़ी समस्या ही संतान को लेकर है। संतान यदि गलत रास्ते पर निकल जाए तो माता-पिता को ही इसके लिए दोषी माना जाता है और यदि संतान विद्वान होने पर भी माता-पिता के वश में न हो तो भी सबसे ज्यादा दुख उन्हें ही होता है। अक्सर देखने में आता है कि माता-पिता अपनी संतान को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजते हैं और वे वहीं जाकर बस जाते हैं।
बुढ़ापे में जब माता-पिता को अपने बच्चों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो वे उनके साथ नहीं होते। पुत्र यदि पास हो और आज्ञा न मानता हो तो वह और भी दुखदाई होता है। इसलिए महात्मा विदुर ने कहा है कि जिसका पुत्र आज्ञाकारी हो, उसे जीवन में कभी कोई दुख नहीं होता।
6. धन पैदा करने वाली विद्या का ज्ञान
पैसा तो आता-जाता रहता है, इसकी प्रकृति ही ऐसी होती है। कई बार ऐसा भी देखने में आता है कि कोई व्यक्ति कभी धनवान होता है, तो कुछ दिनों बाद पैसे-पैसे के लिए मोहताज हो जाता है। ऐसा उन लोगों के साथ होता है जिनके पास अपना पैत्रिक धन होता है और वे इसे अनियमित रूप से खर्च करते हैं।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपके पास कोई ऐसी कला या ज्ञान होना चाहिए जिससे धन की आवक बनी रहे। यदि उस कला के बल पर आप अपने पालन-पोषण कर सको। अगर आपके पास कोई ऐसी कला हो तो आपके जीवन में कभी धन का अभाव नहीं होगा और आप सम्मानपूर्वक जी सकेंगे।
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