Majrooh Sultanpuri (मजरूह सुल्तानपुरी) Famous Sher of Majrooh Sultanpuri - Part 3 ***** 21 सैर-ए-साहिल कर चुके ऐ मौज-ए-साहिल सर ना मार तुझ से क्या बहलेंगे तूफानों के बहलाए हुए Sair-e-sahil kar chuke ae mauj-e-sahil sar na mar Tujh se kya bahalenge toofanon ke bahlaaye hue ***** 22 ग़म-ए-हयात* ने आवारा कर दिया वर्ना थी आरजू तेरे दर पे सुबह ओ शाम करें * ग़म-ए-हयात = ज़िन्दगी का … [Read more...]
2 line shayari of Majrooh Sultanpuri – Part 2 (टू लाइन शायरी मजहर सुल्तानपुरी – पार्ट 2)
Majrooh Sultanpuri (मजरूह सुल्तानपुरी) 2 line shayari of Majrooh Sultanpuri - Part 2 11 तकदीर का शिकवा बेमानी, जीना ही तुझे मंजूर नहीं आप अपना मुकद्दर बन न सके, इतना तो कोई मजबूर नहीं Taqdir ka sikwa bemani, jeena hi tujhe manjoor nahin Aap apna muqaddarban na sake, itna to koi majboor nahin ***** 12 मुझे सहल हो गई मंजिलें वो हवा के रुख भी बदल गये तिरा हाथ, हाथ में आ गया कि चिराग राह … [Read more...]
Majrooh Sultanpuri Shayari – Part 1 (मजरूह सुल्तानपुरी शायरी – पार्ट 1)
Majrooh Sultanpuri (मजरूह सुल्तानपुरी) Majrooh Sultanpuri Shayari - Part 1 ***** 1 मैं अकेला ही चला था जानिबे-मंजिल मगर लोग आते गए और कारवां बनता गया Main akela hi chala tha janibe-manzil magar Log aate gaye aur kaarvan banta gaya ***** 2 बचा लिया मुझे तूफां की मौज ने वर्ना किनारे वाले सफीना* मेरा डुबो देते * सफीना - नाव Bacha liya mujhe toofan ki mauj ne warna Kinaare waale … [Read more...]