Chilkhdhara Virat Nagar Gavilgad Fort History in Hindi : महाराष्ट्र के विदर्भ में बसा है चिखलदरा हिल स्टेशन। महाभारत के समय पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहां कुछ बिताया था। अज्ञातवास के दौरान महाभारत के कीचक नाम के पात्र ने द्रौपदी से अनैतिक व्हवहार की कोशिश की थी। इस पर गुस्साए भीम ने उसे मारकर इसी खाई में फेंक दिया था।आज भी ये खाई महाभारत काल में हुए उस घटना की गवाह है। यहां आने वाले पयर्टकों को महाभारत से जुड़ी रोचक जानकारियां भी यहां मिलती हैं।
मानसून के दौरान चिखलधरा की घाटियां इस तरह हरी-भरी हो जाती है
चिखलदरा हिल स्टेशन नैसर्गिक सौन्दर्यता के अलावा पौराणिक स्थलों के लिए मशहूर है। उल्लेखनीय है कि चिखलधरा को पौराणिक काल में विराट नगर भी कहा जाता था। अज्ञातवास के दौरान यहां के राजा विराट की रानी सुदेष्णा ने द्रौपदी और पांडवों को काम पर रखा था। कीचक ही रानी सुदेष्णा का भाई था, जिसने द्रौपदी के साथ अनैतिक व्यवहार का प्रयास किया था। कीचक के वध के बाद से ही इस स्थान का नाम चिखलधरा पड़ा।
चिखलदरा महाराष्ट्र में मेलघाट टाइगर रिजर्व के पास है और वृहद सतपुड़ा पर्वत श्रेणी का ही एक हिस्सा है। चिखलदरा प्राकृतिक मनोरम दृश्यों के साथ ही सुंदर झीलों, प्राचीन दुर्गों और वन्यजीवन के लिए मशहूर है। बारिश के मौसम में आप यहां गहरी और खड़ी घाटी में कई जल प्रपातों को आकार लेते देख सकते हैं। इस सीजन में चिखलदरा प्रकृतिप्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होता।
रॉबिंसन ने खोजा था
यह हिल स्टेशन हैदराबाद रेजीमेंट के कप्तान रॉबिन्सन द्वारा वर्ष 1823 में खोजा गया था। अंग्रेजों ने इस स्थान को कॉफी प्लांटेशन और स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए विकसित किया था। चिखलदरा अपने मनोरम दृश्यों, वन्य जीव अभयारण्य और ऐतिहासिक दुर्गों की वजह से प्रसिद्ध है।
भीमकुंड
भीमकुंड लगभग 3500 फीट गहरा है। यहां आप एक भव्य जलप्रपात देख सकते हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार कीचक का वध करने के बाद भीम ने इसी जलप्रपात में स्नान किया था। बारिश के मौसम में यह स्थान कई जलप्रपातों और जलधाराओं से मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करता है।
(ऐसा कहा जाता है कि भीम ने कीचक का वध करने के बाद इसी जलप्रपात के नीचे स्नान किया था)
भीमकुंड की गहराई लगभग 3500 फीट है।
देखने लायक स्थान
पंचबोल पॉइंट
पंचबोल पॉइंट की सुंदरता अद्भुत है। यहां कॉफी के बागान हैं। साथ ही गहरी घाटी से लगी पांच पहािड़यों की शृंखला और उनसे गिरते कई झरने भी नजर आते हैं।
देवी पॉइंट
यहां भी बारिश के मौसम में कई जल प्रपात और अन्य सुंदर जलधाराएं नजर आती हैं। इसके पास ही स्थानीय देवी माता का मंदिर है। इस मंदिर में एक जलधारा सालभर बहती रहती है।
गविलगढ़ दुर्ग
अमरावती जिले में स्थित इस दुर्ग को 300 साल पहले गवली के राजा ने बनवाया था। पर्यटक यहां की गई नक्काशी और लोहे, कांसे व तांबे से निर्मित तोपों को देख सकते हैं।
चिखलधरा में स्थित गविलगढ़ दुर्ग किला
गविलगढ़ दुर्ग को 300 साल पहले गवली के राजा ने बनवाया था।
गविलगढ़ दुर्ग किले में एक प्राचीन तालाब भी स्थित है
कहां ठहरें?
यहां महाराष्ट्र पर्यटन विभाग द्वारा संचालित एक होटल है। इसके अलावा कई निजी होटल भी उचित किराए पर उपलब्ध हैं।
कैसे पहुंचें?
निकटतम हवाई अड्डा 240 किलोमीटर दूर नागपुर है। निकटतम रेलवे स्टेशन 100 किलोमीटर दूर अमरावती है।
क्या खाएं?
यहां आप विशिष्ट महाराष्ट्रियन व्यंजनों का लुत्फ ले सकते हैं। यद्यपि अन्य प्रकार के व्यंजन भी यहां की होटलों में उपलब्ध हैं।
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