Jarasandh Kaun Tha | कंस की दो रानिया थी -अस्ति और प्राप्ति जो मगध के राजा जरासंन्ध की पुत्रिया थी । भगवान् कृष्ण द्वारा कंस का वध होने के बाद दोनों अपने पिता जरासंध के पास चली गयी । बदला लेने को जरासंन्ध ने मथुरा पर 17 बार आक्रमण किया। श्री बलराम और श्री कृष्ण ने हर बार उसकी सारी सेना का वध कर उसे जीवित छोड़ दिया।
यह पढ़े – दो माँ से आधा-आधा पैदा हुआ था जरासंध, जानिए जरासंध से जुडी कुछ रोचक बातें
18 वी बार उसने भगवान शंकर से अजेय होने का वर प्राप्त ‘म्लेच्छ राजा’ कालयवन के साथ मथुरा पर आक्रमण किया। भगवान कृष्ण ने विश्वकर्मा द्वारा द्वारिका पुरी बसवाकर, पहले ही सभी मथुरा वासिओ को द्वारका भेज दिया था।
कालयवन के सामने से भागते हुए श्री कृष्ण एक पर्वत की गुफा में पंहुचे और अपना उत्तरीय वहा सोते हुए राजा मुचकुंद पर डाल दिया। पीछे से आते हुए कालयवन ने मुचकुंद को श्री कृष्ण समझ -जोर से ठोकर मारी और मुचकुंद की द्रष्टि पड़ते ही कालयवन भस्म हो गया।
पहले समय में मुचकुंद ने इंद्र की सहायता दानवो को हराने में की थी और थके हुए मुचकुंद को इंद्र ने वर दिया था कि जो कोई उसे जबरन जगायेगा वह उसकी द्रष्टि पड़ते ही भस्म हो जाएगा ।
यह पढ़े – श्री मुचुकुन्द जी की कथा
फिर कालयवन की सेना का वध कर -जरासंध के सामने आने पर श्री कृष्ण और बलराम भागते हुए प्रवर्षण पर्वत पर चढ़ गए । जरासंध ने पर्वत में आग लगा दी ।श्रीकृष्ण बलराम सहित वहा से आकाश मार्ग से द्वारका चले गए । जरासंध यह समझ कर कि दोनों जल गए -अपनी जीत का डंका बजाते हुए चला गया ।
जरासंध का रहस्य :—-
यह कथा मानव जीवन के चक्र को भी बताती है ।
मथुरा -हमारा शरीर है –
ज़रा + संध – ज़रा माने बुढापा और संधि माने जोड़ ।
ओल्ड एज में शरीर के जोड़ो में दर्द पैदा हो जाता है –
यही जरासंध का हमारे मथुरा पर हमला है ।
हम योग से -दवाओं से -जोडो में दर्द को ठीक कर बार बार जरासंध को परास्त करते है
परन्तु अंतिम बार जब -जरासंध -काल यवन ( यमराज ) के साथ हमला करता है –
तब तो मथुरा ( शरीर ) छोड़ कर भागना ही पड़ता है –
बचने का एक ही रास्ता -प्रभु के उत्तीर्ण ( वस्त्र ) स्वरुप में अपने को लीन कर लो – तो काल यवन भी भस्म हो जाएगा ।
और फिर प्रवर्षण पर्वत को आग लगाना – प्रवर्षण पर्वत यानी यह हम सभी की अंतिम शैया चिता ही तो है।
वहा से राम नाम का बल ( बलराम ) और प्रभु कृष्ण का साथ ही प्रभु के धाम द्वारका पंहुचा सकता है जो अत्यंत दुर्लभ है।
आचार्य, डा.अजय दीक्षित
डा. अजय दीक्षित जी द्वारा लिखे सभी लेख आप नीचे TAG में Dr. Ajay Dixit पर क्लिक करके पढ़ सकते है।
भारत के मंदिरों के बारे में यहाँ पढ़े – भारत के अदभुत मंदिर
सम्पूर्ण पौराणिक कहानियाँ यहाँ पढ़े – पौराणिक कथाओं का विशाल संग्रह
अन्य पौराणिक कहानियां
- 16 पौराणिक कथाएं – पिता के वीर्य और माता के गर्भ के बिना जन्मे पौराणिक पात्रों की
- रावण के भाई कुंभकर्ण से जुडी कुछ रोचक बातें
- श्री कृष्ण ने क्यों किया कर्ण का अंतिम संस्कार अपने ही हाथों पर?, जानिए कर्ण से जुडी कुछ ऐसी ही रोचक बातें ।
- महाभारत के 20 प्रमुख पात्र और उनसे जुडी रोचक बातें
- बच्चों ने ही बाँध दिया था रावण को अस्तबल में , जानिए रावण के जीवन से जुडी ख़ास बातें
Join the Discussion!