Ravan Mandodari Samwad- Striyon mein hote hai ye 8 avgun : शास्त्रों के अनुसार रावण की कई बुराइयों में से एक बुराई ये थी कि वह सुंदर स्त्रियों से तुरंत मोहित हो जाता था। सीता की सुंदरता देखकर ही रावण ने सीता का हरण किया था। श्रीरामचरित मानस के अनुसार सीता हरण के बाद जब श्रीराम वानर सेना सहित समुद्र पार करके लंका पहुंच गए थे, तब मंदोदरी डर गई और वह रावण को समझाने लगी कि युद्ध ना करें और श्रीराम से क्षमा मांगते हुए सीता को उन्हें लौटा दें। इस बात पर रावण ने मंदोदरी का मजाक बनाते हुए कहा कि-
नारि सुभाऊ सत्य सब कहहीं। अवगुन आठ सदा उर रहहीं।
साहस अनृत चपलता माया। भय अबिबेक असौच अदाया।
इस दोहे में रावण ने मंदोदरी को स्त्रियों के 8 अवगुणों के बारे में बताया है।
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पहली बात है बहुत ज्यादा साहस – रावण के अनुसार स्त्रियों में साहस बहुत ज्यादा होता हैं, इसी कारण स्त्रियां कई बार ऐसे काम कर देती हैं, जिससे बाद में उनके और उनके परिवार को पछताना पड़ता हैं। रावण मंदोदरी से कहता है कि स्त्रियां यह समझ नहीं पाती है कि साहस का कब और कैसे सही उपयोग किया जाना चाहिए। जब साहस हद से अधिक होता है तो वह दुःसाहस बन जाता है और यह हमेशा ही नुकसानदायक है।
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दूसरी बात है झूठ बोलना – रावण मंदोदरी से कहता है कि स्त्रियाँ बात-बात पर झूठ बोलती है। इस आदत के कारण अक्सर इन्हें परेशानियों का भी सामना करना पड़ता हैं। कभी भी झूठ अधिक समय तक छिप नहीं सकता हैं। सच एक दिन सामने आ ही जाता है। सच सामने आने पर परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।
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तीसरी बात है चंचलता – स्त्रियों का मन पुरुषों की तुलना में अधिक चंचल होता हैं। इसी वजह से वे किसी एक बात पर लंबे समय तक टिक नहीं सकती हैं। पल-पल में स्त्रियों के विचार बदलते हैं। और इसी वजह से वे अधिकांश परिस्थितियों में सही निर्णय नहीं ले पाती हैं।
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चौथी बात है माया रचना – रावण के अनुसार स्त्रियां अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए कई प्रकार की माया रचती हैं। किसी व्यक्ति से अपने काम करवाने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन देती हैं, रूठती है, मनाती हैं। यह सब माया है। यदि कोई पुरुष इस माय में फंस जाता हैंतो वह स्त्री के वश में हो जाता हैं। रावण मंदोदरी से कहता है कि तूने माया रचकर मेरे शत्रु राम का भय सुनाया हैं, ताकि मैं तेरी बातों में आ जाऊं और सीता को लौटा दूँ।
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पांचवी बात है डरपोक होना – कभी-कभी स्त्रियां अनावश्यक रूप से बहुत ज्यादा डर जाती हैं और इस वजह से उनके द्वारा कई काम बिगड़ जाते हैं। स्त्री बाहरी तौर पर साहस दिखाती हैं, लेकिन इनके मन में भय होता हैं।
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छठी बाात है अविवेकी स्वभाव यानी मूर्खता – रावण कहता है कि कुछ परिस्तिथियों में स्त्रियां अविवेकी स्वाभाव के कारण मूर्खता पूर्ण काम कर देती है। अधिक साहस होने की वजह से और खुद को श्रेष्ठ साबित करने के लिए ऐसे काम कर दिए जाते हैं जो कि भविष्य में मूर्खतापूर्ण सिद्ध होते हैं।
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सातवीं बात है निर्दयता – रावण के अनुसार सातवीं बात है निर्दयता यानी स्त्रियां यदि निर्दयी हो जाए तो वह कभी भी दया नहीं दिखाती हैं।
आठवीं बात है अपवित्रता – रावण के अनुसार आंठवी बात यह है कि स्त्रियों में अपवित्रता यानी साफ़-सफाई का अभाव होता हैं।
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Pratima says
Ye sare avgun khud Rawan me hi the… Dussahas k karan aur murkhta k karn hi to usne sita Ka haran kiya tha… Usne sita to tarah tarah k pralobhan v diye the ki… Daraya v tha aur apna bhay v dikhaya tha par sita n dari… Wo khud hi bahud nirdyi tha use sita par tanik v dya n aati thi…
Uske bataye koi v avgun sita me nahi the balki khud Rawan me hi the…
Divyanshi says
Khud me bhut saare gun the jo nariyo ke avgun btane chale.
“Soop khe to khe chalni kya khe jisme khud bhattar chhed”
Ajay gupta says
Bahut hi sahi bat Batai he aapne