Rahim Ke Dohe : मुगल काल के रहीम के दोहे आज भी काफी चर्चित हैं और इन दोहों में सुखी जीवन के कई सूत्र छिपे हुए हैं। इन दोहों का ध्यान रखने पर हम कई परेशानियों से बच सकते हैं। रहीम ने एक दोहे में सात ऐसी बातें बताई हैं, जिन्हें कोई भी ज्यादा समय तक छिपा नहीं सकता है।यहां जानिए ये बातें कौन-कौन सी हैं…
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रहीम कहते हैं-
खैर, खून, खांसी, ख़ुशी, बैर, प्रीति, मदपान।
रहिमन दाबे न दबै, जानत सकल जहान।।
पहली बात है खैर- खैर यानी खैरियत या सेहत। यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो वह अपनी सेहत अधिक दिनों तक दूसरों से छिपा नहीं सकता है।
दूसरी बात है खून – खून यानि कत्ल। कोई भी व्यक्ति कितनी भी चालाकी से किसी की हत्या करे, वह एक दिन पकड़ा जाएगा।
तीसरी बात है खांसी – यदि कोई व्यक्ति खांसी से परेशान है तो वह इस बीमारी को ज्यादा देर तक रोक नहीं सकता हैं। खांसी किसी भी स्तिथि में रोकी नहीं जा सकती हैं।
चौथी बात हैं ख़ुशी – कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा खुश है तो ये बात भी छिप नहीं सकती है। चेहरा और हमारे हाव-भाव से ख़ुशी मालूम हो जाती है।
पांचवी बात है बैर – यदि हमारे मन में किसी के प्रति बैर भाव हैं, हम किसी को पसंद नहीं करते हैं तो ये भी बहुत दिनों तक छिप नहीं सकता है।
छठी बात है प्रीति यानी प्रेम – यदि हम किसी को प्रेम करते हैं तो ये भाव भी बहुत ज्यादा समय तक छिप नहीं सकता है। प्रेम प्रकट हो ही जाता है।
सातवीं बात है मदपान यानी नशा – नशा किसी भी सूरत में छिप नहीं सकता है। नशे की वजह से व्यक्ति के शरीर में जो बदलाव होते हैं वह दूसरों को आसानी से दिख जाते हैं।
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