Ancient Temples of India : हिन्दू धर्म को संसार का सबसे प्राचीन धर्म माना जाता है। इसलिए सम्पूर्ण भारत में अनेकों ऐसे मंदिर है जो हज़ारों साल पुराने है। आज हम आपको 15 ऐसे मंदिरों के बारे में बता रहे है जो 1000 साल से ज्यादा पुराने है।
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1. महाराष्ट्र का अंबरनाथ मंदिर (Ambarnath Temple, Maharashtra)-
महाराष्ट्र का अंबरनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर में मिले एक शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण 1060 ईस्वी में शिलाहट के राजा मांबणि ने करवाया था। वहां के स्थानीय निवासी इस मंदिर को पांडवकालीन मानते हैं।
2. तमिलनाडु का बृहदेश्वर मंदिर (Brihadeshwara Temple, Tamilnadu)-
तमिलनाडु का बृहदेश्वर शिव मंदिर चोल वास्तुकला का शानदार उदाहरण है। इसे चोल शासक राज राज प्रथम ने बनवाया था। इसलिए इसे राजराजेश्वर नाम दिया गया।
3. महाराष्ट्र का कैलाश मंदिर (Kailash Temple, Maharashtra)-
कैलाश मंदिर महाराष्ट्र के उन प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, जो एलोरा की गुफाओं में स्थित है। भगवान शिव का यह दो मंजिला मंदिर पर्वत की ठोस चट्टान को काटकर बनाया गया है। यह मंदिर दुनिया भर में एक ही पत्थर की शिला से बनी हुई सबसे बड़ी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर को तैयार करने में करीब 150 वर्ष लगे और लगभग 7000 मजदूरों ने लगातार इस पर काम किया।
4. शोर मंदिर, महाबलीपुरम तमिलनाडु (Shore Temple, Mahabalipuram, Tamilnadu)-
इस मंदिर का निर्माण नरसिंहवर्मन द्वितीय के काल में ग्रेनाइट से करवाया गया था। इसे बंगाल की खाड़ी के शोर के रूप में जाना जाता है। यह संरचनात्मक मंदिरों की सूची में सबसे पुराना उदाहरण है। ये मंदिर यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल सूची के अंतर्गत शामिल किया गया है और भगवान विष्णु को समर्पित है।
5. सोमनाथ मंदिर गुजरात (Somnath Temple, Gujarat)-
सोमनाथ मंदिर की गिनती 12 ज्योर्तिलिंगों में होती है। गुजरात सौराष्ट्र के वेरावल में स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था। इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। इसे अब तक 17 बार नष्ट किया गया है और हर बार इसका पुनर्निमाण किया गया।
6. बेलूर कर्नाटक का चेन्नाकेसवा मंदिर (Chennakesava Temple, Belur, Karnataka)-
इस मंदिर का निर्माण 10 शताब्दी के आसपास होयसल साम्राज्य के दौरान करवाया गया था। मंदिर उस काल की सुंदर वास्तुकाल का सबसे अच्छा उदाहरण माना जाता है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
7. केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड (Kedarnath Temple, Uttarakhand)-
इस मंंदिर की उम्र के बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है, पर एक हजार वर्षों से केदारनाथ एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा रहा है। राहुल सांकृत्यायन के अनुसार ये 12-13 वीं शताब्दी का है। ग्वालियर से मिली एक राजा भोज स्तुति के अनुसार उनका बनवाया हुआ है । एक मान्यतानुसार वर्तमान मंदिर 8 वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा बनवाया गया जो पांडवों द्वारा द्वापर काल में बनाए गए मंदिर से समीप है। मंदिर के बड़े धूसर रंग की सीढ़ियों पर पाली या ब्राह्मी लिपि में कुछ खुदा है, जिसे स्पष्ट जानना मुश्किल है।
8. कुंभेश्वर मंदिर कुंभकोणम, तमिलनाडु (Kumbeswarar Temple, Kumbakonam, Tamilnadu)-
9 वी शताब्दी में बनाया गया ये चोल मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 30,181 sq. ft में फैला हुआ है।
9. श्री वरदराजा पेरूमल मंदिर, तमिलनाडु (Sri Varadaraja Perumal Temple, Tamilnadu)-
श्री वरदराजा पेरूमल मंदिर को सदियों पहले राजा कृष्णवर्मा ने बनवाया था। श्री वरदराजा पेरूमल के एक कट्टर अनुयायी थे। पौराणिक कथा के अनुसार, जब राजा कृष्णवर्मा पर पड़ोसी राज्य के राजा ने हमला किया तो इस देवता ने वीरराघवन के रुप में इस राजा की मदद की थी।भगवान के सम्मान में राजा ने इस मंदिर को बनवाया। इस मंदिर के आसपास राजा ने एक शहर का भी निर्माण किया, जो वीरराघवपुरम के नाम से जाना जाने लगा। यह मंदिर तामिरभरणी नदी के तट पर स्थित है।
10. बादामी मंदिर, कर्नाटक (Badami Temple, Karnataka)-
बादामी उत्तर कर्नाटक के बागलकोट जिले का एक प्राचीन शहर है। यह शहर जो वातापी के नाम से भी जाना जाता है। 6वीं से 8 वीं शताब्दी तक चालुक्य राजवंश की राजधानी था। घाटी में स्थित सुनहरे बलुआ पत्थर की चट्टानों से घिरा हुआ वातापी जो कि बादामी का उस समय का नाम था, दक्षिण भारत के उन प्राचीन स्थानों में से है यहां बहुत अधिक मात्रा में मंदिरों का निर्माण हुआ। बादामी अपने सुंदर गुफा मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जो अगत्स्य झील के आसपास स्थित हैं।
11. बद्रीनाथ मंदिर, उत्तराखंड (Badrinath Mandir, Uttarakhand)-
उत्तराखंड के पहाड़ों में स्थित बद्रीनाथ के बारे में एतिहासिक मान्यता है कि यह एक बौद्ध स्तूप था।आद्य शंकराचार्य ने 8 वी शताब्दी में इसे हिंदू मंदिर के रूप में स्थापित किया। ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
12. लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर ओडिशा (Lingaraj Temple, Bhubaneswar, Orissa)-
यह भुवनेश्वर शहर के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। भगवान त्रिभुवनेश्वर को समर्पित है। इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप 1090-1104 में बना, लेकिन इसके कुछ हिस्से 1400 वर्ष से भी ज्यादा पुराने हैं। इस मंदिर का उल्लेख छठी शताब्दी के लेखों में भी आता है।
13. श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, श्रीरंगम तमिलनाडु (Shri Rangnath Swami Temple, Srirangam, Tamilnadu)-
श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर को क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा मंदिर कहा जाता है। इसका क्षेत्रफल 631,000 वर्ग मीटर में फैला है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर द्रविण शैली में बना हुआ है। इस मंदिर को प्राचीन काल से ही प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बना हुआ है। साथ ही, यहां पर डच, पुर्तगाली और अंग्रेजों ने कई बार आक्रमण किया।
14. द्वारिकाधीश मंदिर, गुजरात (Dwarkadhish Temple, Gujarat)-
मान्यता है कि ये मंदिर कृष्ण के प्रपोत्र वज्रनाभ ने बनवाया था। कालांतर में इस मंदिर का जीर्णोद्धार होता रहा। मंदिर का वर्तमान स्वरूप 16 वी शताब्दी में बनाया गया। इसे शंकराचार्यजी ने चार धामों में से एक के रूप में स्थापित किया।
15. राजस्थान पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर (Brahma Temple, Pushkar, Rajasthan)-
राजस्थान के अजमेर शहर से 11 कि.मी. दूर पुष्कर में भारत का एक मात्र प्रचीन ब्रह्मा मंदिर स्थित है। यह मंदिर लगभग 2000 वर्ष पुराना माना जाता है। पद्यपुराण सहित अन्य ग्रंथों में इसका वर्णन मिलता है।
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