Devotional Story In Hindi | Bhakth Ki Astha | एक समय अयोध्या के पहुंचे हुए संत श्री रामायण कथा सुना रहे थे। रोज एक घंटा प्रवचन करते कितने ही लोग आते और आनंद विभोर होकर जाते। साधु महाराज का नियम था रोज कथा शुरू करने से पहले “आइए हनुमंत जी बिराजिए”कहकर हनुमानजी का आहवान करते थे, फिर एक घण्टा प्रवचन करते थे। एक वकील साहब हर रोज कथा सुनने आते। वकील साहब के भक्तिभाव पर एक दिन तर्कशीलता हावी … [Read more...]
गुरु पूर्णिमा पर विशेष कहानी | अहं गले तो गुरु मिले
Guru Purnima Story in Hindi | गुरु पूर्णिमा पर विशेष कहानी | अहं गले तो गुरु मिले - काका! यह क्या ठोका-पीटी कर रहे हैं? अपनी बाल सुलभ हंसी बिखेरते हुए मुक्ताबाई ने उनसे यह सवाल पूछा। आज सुबह से ही वह अपने तीनों भाइयों निवृत्तिनाथ, ज्ञानेश्वर और सोपानदेव के साथ यहाँ आ गयी थी। इन चारों के साथ नामदेव भी थे। उम्र में ये सभी बालक होते हुए भी अपने ज्ञान एवं भक्ति के कारण सभी से सम्मानित थे। इनकी … [Read more...]
गुरु शिष्या कथा : जब एक शिष्या से हुआ गुरु को सत्य का ज्ञान
Guru Shishya Story : - एक संत को अपना भव्य आश्रम बनाने के लिए धन की जरूरत पड़ी। वह अपने शिष्य को साथ लेकर धन जुटाने के लिए लोगों के पास गए। घूमते-घूमते वह एक गाँव में अपनी शिष्या एक बुढ़िया की कुटिया में पहुंचे। कुटिया बहुत साधारण थी। वहां किसी तरह की सुविधा नहीं थी फिर भी रात हो गई तो संत वहीं ठहर गए। बूढी माँ ने उनके लिए खाना बनाया। यह भी पढ़े - कथा धर्मग्रंथो में वर्णित 9 महान गुरुओं … [Read more...]
हिंदी लघु कथा – मांस का मूल्य
Hindi Laghu Katha : मगध के सम्राट् श्रेणिक ने एक बार अपनी राज्य-सभा में पूछा कि- "देश की खाद्य समस्या को सुलझाने के लिए सबसे सस्ती वस्तु क्या है? " मंत्री-परिषद् तथा अन्य सदस्य सोच में पड़ गये। चावल, गेहूं, आदि पदार्थ तो बहुत श्रम बाद मिलते हैं और वह भी तब, जबकि प्रकृति का प्रकोप न हो। ऐसी हालत में अन्न तो सस्ता हो नहीं सकता। शिकार का शौक पालने वाले एक अधिकारी ने सोचा कि मांस ही ऐसी चीज है, … [Read more...]
Hindi Devotional Story: प्रभु की प्राप्ति किसे होती हैं ?
एक राजा था। वह बहुत न्याय प्रिय तथा प्रजा वत्सल एवं धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने इष्ट देव की बडी श्रद्धा से पूजा-पाठ और याद करता था। एक दिन इष्ट देव ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिये तथा कहा---"राजन् मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हैं। बोलो तुम्हारी कोई इच्छा है?" यह भी पढ़े - महाराज दिलीप की गौ सेवा प्रजा को चाहने वाला राजा बोला - "भगवन् मेरे पास आपका दिया सब कुछ हॆ। आपकी कृपा से राज्य मे सब … [Read more...]