How To Wear Rudraksha Mala | रुद्राक्ष भगवान शिव का एक अभिन्न अंग माना जाता है। शिवपुराण और श्रीमद्देवीभागवत में रुद्राक्ष की माला धारण करने के कई नियम बताए गए है। इन ग्रंथों में इस बात का वर्णन मिलता है कि कितने रुद्राक्ष से बनी माला कौन-से अंग पर पहननी चाहिए ताकी भक्त की हर मनोकामना पूरी हो सकें। यह भी पढ़े - जानिए कौन से फायदे के लिए कितने मुख वाले रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए? जानिए … [Read more...]
रुद्राक्ष और तुलसी की माला पहनने के फायदे
Benefits Of Rudraksha and Tulsi Mala: वैज्ञानिक मान्यताएं- रुद्राक्ष, तुलसी जैसी दिव्य औषधियों की माला पहनने के पीछे वैज्ञानिक मान्यता यह है कि होंठ और जीभ का उपयोग कर मंत्र जप करने से गले की धमनियों को सामान्य से ज्यादा काम करना पड़ता है। इसके कारण कंठमाला, गलगंड आदि रोगों के होने की आशंका होती है। इनसे बचाव के लिए गले में रुद्राक्ष व तुलसी की माला पहनी जाती है। यह भी पढ़े- क्यों होते है माला … [Read more...]
Benefits of Rudraksha : जानिए कौन से फायदे के लिए कितने मुख वाले रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए?
Benefits of Rudraksha in Hindi: पौराणिक मान्यताएं हैं कि कि शिव के नेत्रों से रुद्राक्ष का उद्भव हुआ और यह हमारी हर तरह की समस्या को हरने की क्षमता रखता है। कहते हैं रुद्राक्ष जितना छोटा हो, यह उतना ही ज्यादा प्रभावशाली होता है। सफलता, धन-संपत्ति, मान-सम्मान दिलाने में सहायक होता है रुद्राक्ष, लेकिन हर चाहत के लिए अलग-अलग रुद्राक्ष को धारण किया जाता है। वैसे, रुद्राक्ष संबंधी कुछ नियम भी हैं, … [Read more...]
Hindi Story of Rudraksha : भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी रुद्राक्ष की उत्पत्ति
Kaise hui rudraksha ki utpatti : रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के आंसुओं से मानी जाती है। इस बारे में पुराण में एक कथा प्रचलित है। कहते हैं एक बार भगवान शिव ने अपने मन को वश में कर दुनिया के कल्याण के लिए सैकड़ों सालों तक तप किया। एक दिन अचानक ही उनका मन दु:खी हो गया। जब उन्होंने अपनी आंखें खोलीं तो उनमें से कुछ आंसू की बूंदे गिर गई। इन्हीं आंसू की बूदों से रुद्राक्ष नामक वृक्ष उत्पन्न हुआ। शिव … [Read more...]