Jai Jai Rajsamand Poem In Hindi - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'जय जय राजसमंद ' । यह रचना राजसमंद स्थापना दिवस के उपलक्ष में लिखी गयी है। राजसमंद स्थापना दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं ।जय जय राजसमंद (Jai Jai Rajsamand)इस धरती का कण कण प्यारा ,नित नित झुकाता हूं मै शीश रे जनम मिले तो यहीं मिले फिर ,जहां बिराजते द्वारिकाधीश रेछटा निराली मेरे राजसमंद की ,चहुं ओर है कितने ही तीर्थ रे कृपा … [Read more...]
देश देश से आई बहती – कमलेश जोशी ‘कमल’
Desh Desh Se Aayi Bahti Poem In Hindi - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'देश देश से आई बहती'देश देश से आई बहतीदेश देश से आई बहती इन धाराओं का संगम देखो किसने पिरोये सुंदर मोती इन पलों का सृजन देखोअद्भुत ये मंच सजा है देखो कितना दृश्य मनोहर पुलकित प्रसन्न हर मुख आगत भविष्य की धरोहरआतुर सब कहने को अपने मन की अभिव्यक्तिकितनी गहरी बातों को कहने की जिनमे है शक्तिहर एक अपने मे अलग हर एक, हर एक … [Read more...]
हम दीवाने रहे हैं – कमलेश जोशी ‘कमल’
Hum Deewane Rahe Hai Poem In Hindi - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'हम दीवाने रहे हैं'खयालात उनके कुछ पुराने रहे हैं अपने हो कर भी वह बेगाने रहे हैंदिल्लगी रखी मानकर जिसे अपना उन्ही के तीरों के हम निशाने रहे हैंसमय का पहिया चलता रहा सदा वक्त संग बदलते यूंही जमाने रहे हैंतुम कब मतलबी हो गए थे दोस्त साथ तेरे तो कितने अफसाने रहे हैंहुनर ठगने का नया चलन मे आज कला के कितने वरना घराने रहे … [Read more...]
‘नींव के पत्थर’ – कमलेश जोशी ‘कमल’
Neev Ke Patthar Poem In Hindi - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'नींव के पत्थर'नींव के पत्थर (Neev Ke Patthar)कंगुरे आसमान मे चढ कर छा जाते हैं नींव के पत्थर नींव मे दबे रह जाते हैंआभूषण की तारीफ खूब पाता जौहरीकीमत कुछ पा कारीगर ठगे रह जाते हैंखून पसीना बहा के अन्न उगाता किसान बिचोलिये मुनाफा पाकर मजे लूट जाते हैंवोट कीमती देकर चुना जनता ने जिसे जीतकर वो नेता जाने कहां रह जाते हैंचक्कर … [Read more...]
स्टेटस की बात है – कमलेश जोशी ‘कमल’
Status Ki Baat Hai Poem In Hindi - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'स्टेटस की बात है'स्टेटस की बात है (Status Ki Baat Hai)थोडा लिखना पडता है स्टेटस की बात है थोडा दिखना पडता है स्टेटस की बात हैथोडा दिखावा कर लेते हैं सबके सामने विनम्र बनना पडता है स्टेटस की बात हैमन मे क्या है, क्यो कहे, बात बिगडेगीअच्छा बनना पडता है स्टेटस की बात हैचाटुकारिता जरूरी, थोडी मिठास साथ जी सर करना पडता है … [Read more...]
परिधान – कमलेश जोशी ‘कमल’
Paridhaan Poem In Hindi - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'परिधान' परिधान (Paridhaan)सुती मखमल रेशमी परिधान रंग रंग के शोभते बहुविधि चढकर मनु अंग अंग केशोभते है नर नारी पहन अंबर इन्द्रधनुषीकाल स्थिति परंपरा से बनते ढंग ढंग केपहचान बनते कभी तो कभी वैभव बहु सोच का पर्याय नाम वस्त्र नव नवरंग केपरंपरा, उत्सव , पर्व पर बहुत चमकते दमकते आभूषण संग कपडे सतरंग केवस्त्र वही सुंदर जो ढकते तन मन को … [Read more...]
‘नाचता बसंत’ – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Nachta Basant Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'नाचता बसंत''नाचता बसंत' (Nachta Basant)कोपल में, कलियों में, कोयल की कुहू - कुहू में,गांव की गलियों में घूमता बसंत हैं|पुष्पों में, पुंजों में, पराग में, पाहन में,झरने की झर - झर में झरता बसंत हैं|तुझ में, मुझ में, लता और कुंज में,प्रकृति के अंग - अंग में नाचता बसंत हैं|भुजा में भुजबंध को, कलाई में कंगन को,पांव की पायल … [Read more...]
‘निर्जन-वन’ – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Nirjan-Van Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'निर्जन - वन''निर्जन - वन' (Nirjan-Van)जंगल वन एकांत निर्जनरहता नहीं जहां कोई जनगगनचुम्बी जहां वृक्ष खड़े हैंविशालकाय सघन बड़े हैंझर झर झर झर झरता रहताप्रतिपल निर्झर बहता रहताशहर बस्ती से बहुत दूरजहां शांति हैं भरपूरसरिता का बहता पल पलजल अपनी मस्ती में कल कलसरस सरल सुन्दर लगता हैंमनमोहक वन का आननजंगल वन एकांत निर्जनरहता … [Read more...]
‘हम देखते रहें’ – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Hum Dekhte Rahe Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'हम देखते रहें''हम देखते रहें' (Hum Dekhte Rahe)झुकी हुई पलकें हम देखते रहें|सिर झुका के चले हम देखते रहें|1|जुल्फें बिखरी हवा ने चेहरे पे आ गई|चांद पर बादलों का डेरा हम देखते रहें|2|नीले परिधान पर मटमैला दुपट्टा|चेहरे को ढकता रहा हम देखते रहें|3|नीलम मोती की अंगुठी पहनी जो आपने|जैसे झील में मीन हम देखते रहें|4|मन के … [Read more...]
नव वर्ष पर कविता – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
New Year Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित नव वर्ष पर कवितानव सूरनव धूप होएक नव रुप होनव भावनव बात होएक नव प्रभात होनव रंगनव रुप होएक नव स्वरुप होनव पथनव गमन होएक नव चमन होनव उल्लासनव उमंग होएक नव तरंग होनव सुरनव तान होएक नव गान होवही तनवही मन होवही पहले सा प्यार होएक नव बहार होएक नव बहार होमनीष नंदवाना 'चित्रकार'राजसमंद🌹|| आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ||🌹मनीष … [Read more...]