भोंर का उजाला | Bhor Ka Ujala | डॉ लोकमणि गुप्ता जी होम्योपैथिक चिकित्सक है। और बहुत बड़े समाज सेवक है। आइये पढ़ते है आदरणीय डॉ लोकमणि गुप्ता जी द्वारा रचित रचना 'भोर का उजाला'-'कोरोना का आना........गजब हो गया'- मनीष नंदवाना 'चित्रकार'भोंर का उजाला (Bhor Ka Ujala)कोविड गया या नहीं गया,तीसरी लहर आयेगी न आयेगी।किन्तु जो कुछ कोविड ले गया ,उसकी टीस कभी न जायेगी।।ताली घंटे शंख बजाकर,व्यापार कारोबार बन्द … [Read more...]
कविता – बेटी जब घर आती हैं
Beti Par Kavita | Beti Jab Ghar Aati Hai | बेटी जब घर आती हैं - यह कविता राजेन्द्र सनाढ्य राजन कोठारिया जी राजसमंद के द्वारा लिखी गयी है। बेटी जब घर आती हैंबहुत दिनों के बाद,बेटी जब घर आती हैं,पिता की बुढ़ी आंखें,एकदम छलछला जाती हैं।पिता को सामने पा कर,वो चरणों में झुक जाती हैं,थौड़ा स्वयं को संभाल कर,परिचित सीनें से लग जाती हैं।दिल के टुकड़े को,दिल से लगा कर,पिता का चेहरा दमकनें लगता हैं,कैसी हो … [Read more...]
विश्व रेडक्रॉस दिवस पर हिंदी कविता | World Redcross Day Poem In Hindi
विश्व रेडक्रॉस दिवस पर हिंदी कविता | World Redcross Day Poem In Hindi- अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट आंदोलन के सिद्धांतों को मनाने के लिए 8 मई को हर साल विश्व रेड क्रॉस दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोग रेड क्रॉस वॉलिंटियर्स को जरूरतमंद लोगों की मदद करने में उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि देते हैं। यह दिवस 8 मई को हेनरी डुनेंट की जयंती पर मनाया जाता है। आइये पढ़ते है विश्व रेडक्रॉस दिवस पर … [Read more...]
पुस्तक दिवस पर काव्य रचना – कमलेश जोशी ‘कमल’
Pustak Diwas - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा पुस्तक दिवस पर रचित काव्य-रचना पुस्तक दिवस (Pustak Diwas)उपवन मे खिले कुछ फूल उठा लेते हैं आओ किताबों को अपना बना लेते है।।ऑनलाइन मे पन्ने पलटे नही जाते फट रही किताबों पे जिल्द चढा देते हैं ।।कुछ शीशों मे कैद, कुछ ताक मे रखीचलो इनको आज गले लगा लेते हैं।।लिखा होगा किसी ने बडे इत्मीनान से उन भावनाओं को दिल मे बसा लेते हैं।।किताबें मुखरित होगी, वो … [Read more...]
महावीर – कमलेश जोशी ‘कमल’
Mahaveer - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'महावीर'महावीर जयंती शुभकामना सन्देश | Mahavir Jayanti Messages, Wishes, SMS In Hindiमहावीर (Mahaveer)हर लेने को हर जन के हृदय की पीर अवतरित हुए इस धरती पर महावीरबढ़ा धरा पे हिंसा, बलि, भेद-भाव बहुत मुक्त कराने आए प्रभु तीर्थंकर महावीरवंश इक्ष्वाकु,कुल क्षत्रिय,गाँव कुंडलपुर सिद्धार्थ-त्रिशला के यहाँ जन्मे … [Read more...]
पवन का पूत – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Pawan Ka Poot - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित हनुमान जी पर रचना 'पवन का पूत'संकट मोचन,गोटे वालापवन का पूत (Pawan Ka Poot)पवन का पूत है जो,अंजनी का सूत है जो|कंचन मुकुट सिर,स्वर्ण गदाधारी है|दुश्मन दमन करें,सभी का संकट हरें|वीर हनुमान वार,करें जब भारी है|भगतों में सिरोमणि,सांसें राममय बनी|भक्ति की सीमा जिसने,पार कर डाली है|लंका को जलाने वाला,सीता को मिलाने वाला|सुरत दिखाने हेतु,छाती … [Read more...]
श्रीराम सुमिरण – कमलेश जोशी ‘कमल’
Shri Ram Sumiran - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'श्रीराम सुमिरण'पुष्प वाटिका में सीया राम श्रीराम सुमिरण (Shri Ram Sumiran)जय अवधनाथ दशरथ नन्दनहम सब करते तेरा वंदनदशरथ की आंखो के तारेकौशल्या के राज दुलारेभरत लखन शत्रुघ्न सब भाईदेखि देखि सब हि मुसकाईगुरुकुल जाय के शिक्षा लिन्हीपाय आशीष सेवा किन्हीविश्वामित्र संग वन जायेताड़का मारीच दोउ मारेमिथिला जाय शिव धनु तोड़ामाँ सिया संग नाता … [Read more...]
पुष्प वाटिका में सीया राम – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Pushp Vatika Me Siyarama Kavya Rachna In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'पुष्प वाटिका में सीया राम'Ram Navami Shayari | राम नवमी शायरीश्रीराम सुमिरणपुष्प वाटिका में सीया राम (Pushp Vatika Me Siyarama)पुष्प वाटिका में राम आएंसंग में अपने लखन को लाएंराम की सूरत सीया ने देखीदेख के तन मन सुध बुध खो दीमोहिनी मूरत नैना विशाल हैंमंद समीर सी चाल ढाल हैंमंयक मुख में राजीव नयन … [Read more...]
‘पांच दोहे’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Paanch Dohe In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'पांच दोहे'पांच दोहेकनक आंचल लहराता,गांव धरा का आज|फसलें भी जवान हुई,बजे लगन के साज||1||देखभाल फसल की की,पुत्री समझ के रोज|कर पीले कर लिए हैं,दिल का उतरा बोज||2||तन मन से पाला उसे,मान बदन का अंग|विवाह हुआ चली गई, कहां रहीं अब संग||3||पीहर से पति घर गई,वही बना घरबार|अब माता - पिता के घर,पुत्री का इंतजार||4||बेटी अपने घर गई,पति … [Read more...]
‘नील वर्ण’ और ‘एक मुक्तक’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Kavya Rachna In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'नील वर्ण' और 'एक मुक्तक'नील वर्णनीले नयन,नीले वसन,उस पर नीली चुड़ियाँ|लाल अधर,लाल दुपट्टा,ललाट लाल बिंदिया|चेहरा उदास,मिलन प्यास,कानों में झुले झुमकियां|चिन्तन मन,करती मनन,कैसे मिटेगी दूरियाँ?मनीष नंदवाना 'चित्रकार'राजसमन्दएक मुक्तकधरा पर स्वर्ग की परी सी लगती हैं|घास पर ओस की बूंद सी लगती हैं|चिन्तन मनन में मग्न हैं तू इस … [Read more...]