कवि की करुण पुकार - आचार्य डॉ अजय दीक्षितशरीर का सारकवि की करुण पुकार🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁चितचोर नयन, चंचल चितवन, चित में चित्रित, तेरा मुस्काना।मनमोहन, माधव,मुरलीधर,मन मोह न मन में बस जाना।।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹1- विरह वेदना बालेपन की वनवारी बरबस करती।मिलने की मन आस जगी है शुशमित छवि शुशमा भरती।।गोविन्दम् गोपाल गिरधारी आ जाओ फिर न जाना।मनमोहन माधव मुरलीधर मन मोह न मन में बस जाना🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺2- मायापति तेरी ये माया मन के सुमन … [Read more...]
‘गोमती का नीर’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Gomati Ka Neer Kavya Rachna In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'गोमती का नीर'जय जय राजसमंद - कमलेश जोशी 'कमल''गोमती का नीर' (Gomati Ka Neer)गोमती का नीर नीर|आता नौ चौकी के तीर|तृण तृण कण कण|श्रृंगार ये कराता हैं|1|जन जन हर मन|हरता हैं पीर पीर|पर्वतों की काया|हरी भरी कर जाता हैं|2|बादलों की बूंद बूंद|झरती हैं झर झर|झील का आंचल|समुंद्र सा लहराता हैं|3|लहरें भी उठ उठ|गिरती … [Read more...]
स्टेटस की बात है – कमलेश जोशी ‘कमल’
Status Ki Baat Hai Poem In Hindi - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'स्टेटस की बात है'स्टेटस की बात है (Status Ki Baat Hai)थोडा लिखना पडता है स्टेटस की बात है थोडा दिखना पडता है स्टेटस की बात हैथोडा दिखावा कर लेते हैं सबके सामने विनम्र बनना पडता है स्टेटस की बात हैमन मे क्या है, क्यो कहे, बात बिगडेगीअच्छा बनना पडता है स्टेटस की बात हैचाटुकारिता जरूरी, थोडी मिठास साथ जी सर करना पडता है … [Read more...]
उड़ान से पहले – बस्ती कुम्हारों की Basti kumharon ki
उड़ान से पहले Udaan se Pahle बस्ती कुम्हारों की Basti Kumharon Ki फिर लगा फुटपाथ करवट सा बदलने पीठ सी दिखने लगी चौड़े पठारों की धुंध के बीच से ही सूरज दिखा नींद में ही लिख उठा कुछ अनलिखा टोलियां गा उठी खुलकर कामगांरो की हाथ आए आग वाले सिलसिले मोम से हो गए लोहे के किले जीत जागी धुप वाले घुड़सवारों की भोर आई रात से लड़कर नई अभी लड़ने को पड़ी राते कई दिये फिर गढ़ने लगी बस्ती कुम्हारों … [Read more...]
उड़ान से पहले – भाई बिना तुम्हारे Bhai Bina Tumhare
Bhai Bina Tumhare In Hindi उड़ान से पहले Udaan Se Pahle भाई बिना तुम्हारे Bhai Bina Tumhare दिखे नहीं पर फूल खिला हो जैसे सिरहाने भाई बिना तुम्हारे कैसे लगता है जाने ? मूछें बेतरतीब, सलीका लेकिन जीवन में बारिश बीच धुप होते थे तुम ही सावन में 'अलबम' का हर चित्र तुम्हारा हमको पहचाने जेठ दुपहरी गुलमोहर थे खुलकर खिलते थे अपने को उड़ेल देते थे जिससे मिलते थे याद तुम्हारी, सुने घर में … [Read more...]
Waseem Barelvi – Umra bhar kis kis ke hisse ka safar maine kiya (वसीम बरेलवी – उम्र भर किस-किस के हिस्से का सफ़र मैंने किया)
Waseem Barelvi ***** Umra bhar kis kis ke hisse ka safar maine kiya Kya bataoon kaise khud ko dar-b-dar maine kiya Umra bhar kis kis ke hisse ka safar maine kiya Tu to nafarat bhi na kar paayegaa itni shiddat ke saath Jis bala ka pyar tujhse be-khabar maine kiya Kaise bacchon ko bataoon raston ke pecho- kham Zindgi bhar to kitabon ka safar maine kiya Shoharton ki najr kar di sher ki … [Read more...]