कोरोना पर गीत | Song For Corona - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'कोरोना का आना........गजब हो गया'कोरोना पर गीत (Song For Corona)'कोरोना का आना........गजब हो गया'कोरोना का आना,आके सताना|परेशान करना गजब हो गया|ना ये होश में हैं,ना हम होश में हैं|बेहोश होना गजब हो गया|कोरोना का आना........गजब हो गया|1|ऐसी बिमारी ना सुनी ना देखी|इसकी ताकत अब जाके देखी|पहली का जाना,दूसरी का आना| लहर … [Read more...]
‘कृषक का कर्म’ और ‘कृषक पर दोहें’ – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Krishak Ke Dohe In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'कृषक का कर्म' और 'कृषक पर दोहें'पांच दोहें - कृषक का कर्म (Krishak Ka Karm)सांझ हुई घर को चले,किसान अरु दो बैल|किरणें गई धूल उड़ी,नभ तारों की वेल||बैलों को धकेल रहा,ले लकुटी वो हाथ|खेत रज से सना हुआ,अंग - अंग अरु गात||खेत में बीज बो दिया,अब बरखा का काम|सुफल कुफल जो भी मिले,अब ले हरि का नाम||करवट बदले रैन में,चित्त हुआ … [Read more...]
‘नाचता बसंत’ – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Nachta Basant Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'नाचता बसंत''नाचता बसंत' (Nachta Basant)कोपल में, कलियों में, कोयल की कुहू - कुहू में,गांव की गलियों में घूमता बसंत हैं|पुष्पों में, पुंजों में, पराग में, पाहन में,झरने की झर - झर में झरता बसंत हैं|तुझ में, मुझ में, लता और कुंज में,प्रकृति के अंग - अंग में नाचता बसंत हैं|भुजा में भुजबंध को, कलाई में कंगन को,पांव की पायल … [Read more...]
‘निर्जन-वन’ – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Nirjan-Van Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'निर्जन - वन''निर्जन - वन' (Nirjan-Van)जंगल वन एकांत निर्जनरहता नहीं जहां कोई जनगगनचुम्बी जहां वृक्ष खड़े हैंविशालकाय सघन बड़े हैंझर झर झर झर झरता रहताप्रतिपल निर्झर बहता रहताशहर बस्ती से बहुत दूरजहां शांति हैं भरपूरसरिता का बहता पल पलजल अपनी मस्ती में कल कलसरस सरल सुन्दर लगता हैंमनमोहक वन का आननजंगल वन एकांत निर्जनरहता … [Read more...]
‘हम देखते रहें’ – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Hum Dekhte Rahe Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'हम देखते रहें''हम देखते रहें' (Hum Dekhte Rahe)झुकी हुई पलकें हम देखते रहें|सिर झुका के चले हम देखते रहें|1|जुल्फें बिखरी हवा ने चेहरे पे आ गई|चांद पर बादलों का डेरा हम देखते रहें|2|नीले परिधान पर मटमैला दुपट्टा|चेहरे को ढकता रहा हम देखते रहें|3|नीलम मोती की अंगुठी पहनी जो आपने|जैसे झील में मीन हम देखते रहें|4|मन के … [Read more...]
‘जहां से तू गुजर जाएं’ – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'जहां से तू गुजर जाएं''जहां से तू गुजर जाएं'जहां तुम कदम रख दो,वह धूल भी फूल हो जाएं|पेड़ - पौधें, डाल - पात,फूल, कलियां भी महक जाएं|नृत्य करती, इठलाती, मस्ती में हो,जब - जब जहां से तू गुजर जाएं|1|जिस पथ पर उमंग,उल्लास से तू चल रहीं|जिससे मिलन की,प्यास लिए तू चल रहीं|एक नज़र ही सही,वह तुमको नज़र आएं|जब - जब जहां से तू गुजर जाएं|2|वह … [Read more...]
आपसे हैं – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Aapse Hai Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'आपसे हैं ''आपसे हैं' (Aapse Hai)ये टीका ये बिंदी ये चुड़ियाँ आपसे हैं|मेरी सारी खुशियाँ आपसे हैं|1|ये हार ये भुजबंध ये पायल| ये कानों की झुमकियां आपसे हैं|2|ये नथनी ये कजरा ये गजरा|ये बालों की बदरिया आपसे हैं|3|ये लाली ये चोली ये लहंगा|ये लहराती चुनरियाआपसे है|4|ये रुप ये रंग ये रंगत|ये लचकती कमरिया आपसे है|5|ये चांद ये … [Read more...]
नहीं होता – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Nhi Hota Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'नहीं होता''नहीं होता' (Nhi Hota Poem In Hindi)आजकल लिखने का मन नहीं होता|उनकी यादों का चमन नहीं होता|1|बहुत अरसे से नजर ना आए वह|नजर से नजर का मिलन नहीं होता|2|वो गए उस दिन की सूरत याद है|अब उनका कभी दर्शन नहीं होता|3|हमारी जान उनकी जान हो गयी|उनके बिना बदन बदन नहीं होता|4|लिखना था जो तुझे लिख दिया मैंने|अब कोई नया सृजन … [Read more...]
नव वर्ष पर कविता – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
New Year Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित नव वर्ष पर कवितानव सूरनव धूप होएक नव रुप होनव भावनव बात होएक नव प्रभात होनव रंगनव रुप होएक नव स्वरुप होनव पथनव गमन होएक नव चमन होनव उल्लासनव उमंग होएक नव तरंग होनव सुरनव तान होएक नव गान होवही तनवही मन होवही पहले सा प्यार होएक नव बहार होएक नव बहार होमनीष नंदवाना 'चित्रकार'राजसमंद🌹|| आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ||🌹मनीष … [Read more...]
सूरज आंख मिचोली करता – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Suraj Aankh Micholi Karta Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'सूरज आंख मिचोली करता''सूरज आंख मिचोली करता' (Suraj Aankh Micholi Karta)सूरज आंख मिचोली करताकभी वो छुपता कभी वो दिखताहल्की हल्की धूप धरा परकंचन कनक कणिकाएँ बिखेरतामेघ गर्जन रह रह कर करताआज हंसी ठीठोली करतासूरज आंख मिचोली करतातीखे तीर सी समीर चले हैंशीतल शीतल मंद बहे हैंहिमाचल के हिम सी शीतलहिम कण सी अंबु … [Read more...]