Manav Bastiya - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा रचित रचनाओं का संग्रह 'मानव बस्तियां'मानव बस्तियां (Manav Bastiya)हाल बुरे, बढ रही है सख्तियां बंद दुकाने, लग रही तख्तियांपसरा सन्नाटा चारो ओर बसदिखे बस लाल - नीली बत्तियांउजड गए महकते बगीचे कई जाने आएगी कब नई पत्तियांबचकर निकलना तुम भीड से गलतफहमी से मिटी हस्तियांकोरोना वॉरियर तैयार फिर से हो चाहे कठिन ये परिस्थितियांरहना है सजग - सतर्क 'कमल'बची … [Read more...]
‘पांच दोहे’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Paanch Dohe In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'पांच दोहे'पांच दोहेकनक आंचल लहराता,गांव धरा का आज|फसलें भी जवान हुई,बजे लगन के साज||1||देखभाल फसल की की,पुत्री समझ के रोज|कर पीले कर लिए हैं,दिल का उतरा बोज||2||तन मन से पाला उसे,मान बदन का अंग|विवाह हुआ चली गई, कहां रहीं अब संग||3||पीहर से पति घर गई,वही बना घरबार|अब माता - पिता के घर,पुत्री का इंतजार||4||बेटी अपने घर गई,पति … [Read more...]
‘मैं ना जाउंगा अब यूं, तुझे छोड़कर’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Main Na Jaunga Ab Yun, Tujhe Chodkar Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'मैं ना जाउंगा अब यूं, तुझे छोड़कर''मैं ना जाउंगा अब यूं, तुझे छोड़कर' (Main Na Jaunga Ab Yun, Tujhe Chodkar)मैं ना जाउंगा अब यूं,तुझे छोड़कर|ना जाउंगा अब मैं,ये मुख मोड़कर|तुझको देखा,तो चाहा,तो प्यार किया|जो था सब कुछ वो न्योछावर किया|तेरी आंखों पे सारे सितारें झुके|तेरे दर्शन की चाह में ये चांद … [Read more...]
‘तेरे कारण ही घर में हुई थी दीवार खड़ी’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Tere Karan Hi Ghar Me Hui Thi Deewar Khadi Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'तेरे कारण ही घर में हुई थी दीवार खड़ी''तेरे कारण ही घर में हुई थी दीवार खड़ी' (Tere Karan Hi Ghar Me Hui Thi Deewar Khadi)तेरे कारण ही घर मेंहुई थी दीवार खड़ीअपनी हर बातों परहरदम रहीं तू अड़ीपहले सबके मन को भांपातोलमोल व्यवहार नापासमय समय पर चाल बदलीसूरत दिखाई अपनी असलीसंस्कारों को ताक टांग … [Read more...]