Four Yuga in Hindu Dharma - 'युग' शब्द का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या के वर्षों की काल-अवधि। जैसे कलियुग, द्वापरयुग, सत्ययुग, त्रेतायुग आदि । यहाँ हम चारों युगों का वर्णन करेंगें। युग वर्णन से तात्पर्य है कि उस युग में किस प्रकार से व्यक्ति का जीवन, आयु, ऊँचाई, एवं उनमें होने वाले अवतारों के बारे में विस्तार से परिचय देना। प्रत्येक युग के वर्ष प्रमाण और उनकी विस्तृत जानकारी कुछ इस तरह है … [Read more...]
अलग-अलग शास्त्रों में वर्णित कलियुग से जुड़े रोचक तथ्य
Facts About Kali Yuga : ग्रंथों में इस सृष्टि के आरंभ से अंत तक के काल को चार युगों यानी सतयुग, त्रैतायुग, द्वापरयुग व कलियुग में बांटा गया है। कलियुग के अंत समय को लेकर अनेक धर्म ग्रंथों मेंं कई रोचक बातें लिखी हैं, आइए जानते हैं इस युग से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातों को... यह भी पढ़े - गीता में लिखी है कलियुग से जुड़ी ये बातें, आज हो रहीं सच कलियुग से जुड़े रोचक तथ्य: Facts About Kali … [Read more...]
आखिर ! कौन कितने वर्ष जियेगा कलियुग में
जब श्रृष्टि का सृजन हुआ तभी विधाता ने कलियुग में मनुष्यादि की आयु निर्धारित की। जन्म हुआ है तो मृत्यु भी निश्चित है।आइए जानते है विधाता ने किस की कितनी आयु निर्धारित की है - यह भी पढ़े - गीता में लिखी है कलियुग से जुड़ी ये बातें, आज हो रहीं सच मनुष्यों की आयु___१०० वर्ष वृक्षों की आयु ____१००० वर्ष गाय +घोडा _____३२ वर्ष हाथियों की आयु__१२० वर्ष ऊँट+व्याघ्र की आयु__ ६४ वर्ष काक+सर्प की … [Read more...]
गीता में लिखी है कलियुग से जुड़ी ये बातें, आज हो रहीं सच
Kaliyuga In Bhagwat Geeta: श्रीमद्भागवत पुराण हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। इस ग्रंथ की रचना आज से लगभग 5000 साल पहले कर दी गई थी। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि कलयुग में क्या-क्या घटित होगा इसकी भविष्यवाणी भागवत पुराण में पहले कर दी गई थी। जानिए श्रीमद्भागवत पुराण में की गई कलियुग से जुड़ी कुछ भविष्यवाणियां.. यह भी पढ़े - जानिए भगवद् गीता के 9 बेहतरीन मैनेजमेंट सूत्र … [Read more...]
अट्ठाईसवें कलियुग में काल का प्रभाव
|| एक भविष्य वाणी || |ॐ| डा.अजय दीक्षित |ॐ| १:- तमोगुणी वाले मनुष्य तपस्वी महत्माओं की हत्या करेंगे । २ :-सदा भुखमरी का भय सताता रहेगा । ३:- भयंकर अनावृष्टि का भय रहेगा । ४:-सब देशों में नाना प्रकार के उलटफेर होते रहेंगे । ५:-सदा अधर्म-सेवन के कारण मनुष्यों के लिए वेद का प्रमाण मान्य नही होगा । ६:-मनुष्य अधार्मिक,अनाचारी,क्रोधी तथा तेजहीन होंगे । ७:-मनुष्य लोभ के वशीभूत … [Read more...]