Garud Ji Kakbhushundi Samvad कलिमल नशावन ,श्री राम कथा पावन,जे नर मन से गावहीं । प्रभु पद पावन,पद रज भावन,अजय भक्ति सो पावहीं ।। || इसमें कोई संशय नही है|| ||ऱाम|| यह भी पढ़े- यमराज-नचिकेता संवाद चौपाई : * पुनि सप्रेम बोलेउ खगराऊ। जौं कृपाल मोहि ऊपर भाऊ॥। नाथ मोहि निज सेवक जानी। सप्त प्रस्न मम कहहु बखानी॥1॥ भावार्थ:-पक्षीराज गरुड़जी फिर प्रेम सहित बोले- हे कृपालु! यदि मुझ पर आपका … [Read more...]