Ganpati Utsav Poem In Hindi | गणपति उत्सव पर कविता ***** कितना रूप राग रंग कुसुमित जीवन उमंग! अर्ध्य सभ्य भी जग में मिलती है प्रति पग में! श्री गणपति का उत्सव, नारी नर का मधुरव! श्रद्धा विश्वास का आशा उल्लास का दृश्य एक अभिनव! युवक नव युवती सुघर नयनों से रहे निखर हाव भाव सुरुचि चाव स्वाभिमान अपनाव संयम संभ्रम के कर! कुसमय! विप्लव का डर! आवे यदि जो अवसर तो कोई हो तत्पर कह सकेगा वचन प्रीत, ‘मारो मत … [Read more...]