उड़ान से पहले Udaan se Pahle बस्ती कुम्हारों की Basti Kumharon Ki फिर लगा फुटपाथ करवट सा बदलने पीठ सी दिखने लगी चौड़े पठारों की धुंध के बीच से ही सूरज दिखा नींद में ही लिख उठा कुछ अनलिखा टोलियां गा उठी खुलकर कामगांरो की हाथ आए आग वाले सिलसिले मोम से हो गए लोहे के किले जीत जागी धुप वाले घुड़सवारों की भोर आई रात से लड़कर नई अभी लड़ने को पड़ी राते कई दिये फिर गढ़ने लगी बस्ती कुम्हारों … [Read more...]
Jeet Pakki Hai – जीत पक्की है
***** जीत पक्की है जीत पक्की है.....बस कुछ करना है, तो डटकर चल, थोड़ा दुनियां से हटकर चल। लीक पर तो सभी चल लेते है, कभी इतिहास को पलटकर चल। बिना काम के मुकाम कैसा? बिना मेहनत के, दाम कैसा। जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल, तो राह में, राही आराम कैसा। अर्जुन सा, निशाना रख, मन में, ना कोई बहाना रख। जो लक्ष्य सामने है, बस उसी पे अपना ठिकाना रख। सोच मत, साकार कर, अपने कर्मो से प्यार … [Read more...]