Nagpanchmi Ki Pauranik Katha, Kahani, Story - सावन महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की पंचमी नाग देवता को समर्पित है यही कारण है कि इसे नागपंचमी कहते हैं। जनमानस में नागपंचमी पर्व की विविध जनश्रुतियां और पौराणिक कथाएं प्रचलित है। नागपंचमी के संबंध में ऐसी ही बहुप्रचलित कथाएं आज के लेख में हम आपको हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं।यह भी पढ़े - नाग पंचमी का महत्व, नागपंचमी पूजन और सर्पदोष से मुक्तियह भी … [Read more...]
लघु कथा – भोग का फल | Laghu Katha – Bhog Ka Phal
Laghu Katha - Bhog Ka Phal :- हमारे शास्त्रों में लिखा गया है कि घर में बनने वाले भोजन का सर्वप्रथम भगवान को भोग लगाना चाहिए फिर स्वयं ग्रहण करना चाहिए। ऐसा क्यों करना चाहिए इसी के महत्तव को बताती एक लघु कथा (Laghu Katha )- भोग का फल - एक सेठजी बड़े कंजूस थे। एक दिन दुकान पर बेटे को बैठा दिया और बोले कि बिना पैसा लिए किसी को कुछ मत देना, मैं अभी आया। अकस्मात एक संत आये जो अलग अलग जगह से एक समय … [Read more...]
शकुंतला-दुष्यंत की कहानी | Shakuntala Dushyant Story
Dushyant Shakuntala Story | Hindi | Kahani | Love Story | Katha | एक बार हस्तिनापुर नरेश दुष्यंत आखेट खेलने वन में गये। जिस वन में वे शिकार के लिये गये थे उसी वन में कण्व ऋषि का आश्रम था। कण्व ऋषि के दर्शन करने के लिये महाराज दुष्यंत उनके आश्रम पहुँच गये। पुकार लगाने पर एक अति लावण्यमयी कन्या ने आश्रम से निकल कर कहा, "हे राजन्! महर्षि तो तीर्थ यात्रा पर गये हैं, किन्तु आपका इस आश्रम में स्वागत … [Read more...]
लोक कथा – काम और कर्तव्य में अंतर
Lok Katha In Hindi | अधिकतर लोग ऐसे हैं जो दैनिक जीवन की छोटी-छोटी परेशानियों के कारण चिंतित रहते हैं और सभी सुविधाएं होने के बाद भी दुखी रहते हैं। चिंताओं के संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। इस प्रसंग में एक राजा सभी सुख-सुविधाएं होने के बाद भी हमेशा चिंतित रहता था। राजा के गुरु ने सभी चिंताओं का समाधान कैसे किया, जानिए इस प्रसंग में... बहुत समय पहले की बात है एक राजा था। उसे राजा बने लगभग … [Read more...]
भक्त के भाव की मर्यादा बचाने के लिए, हनुमानजी ने दिया स्वयं प्रमाण
Devotional Story In Hindi | Bhakth Ki Astha | एक समय अयोध्या के पहुंचे हुए संत श्री रामायण कथा सुना रहे थे। रोज एक घंटा प्रवचन करते कितने ही लोग आते और आनंद विभोर होकर जाते। साधु महाराज का नियम था रोज कथा शुरू करने से पहले “आइए हनुमंत जी बिराजिए”कहकर हनुमानजी का आहवान करते थे, फिर एक घण्टा प्रवचन करते थे। एक वकील साहब हर रोज कथा सुनने आते। वकील साहब के भक्तिभाव पर एक दिन तर्कशीलता हावी … [Read more...]
कहानी रानी पद्मनी (पद्मावती) की | Rani Padmani Story & History
Rani Padmani Story & History in Hindi | अप्रतिम सौंदर्य की धनी रानी पद्मनी (Rani Padmani) के होने को लेकर प्राय: कुछ विवाद रहता है। कुछ लोग उसके होने को सही मानते है जबकि कुछ मात्र कल्पना। ऐसा होने का मुख्य कारण यह है की अलाउद्दीन ख़िलजी और रतन सिंह के समकालीन आमिर खुसरों ने अपनी रचनाओं में पद्मनी का कही वर्णन नहीं किया है। रानी पद्मनी का सर्वप्रथम वर्णन मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत … [Read more...]
कहानी गायत्री साधक मौनी बाबा की
कहानी गायत्री साधक मौनी बाबा की | माँ विंध्यवासिनी के मंदिर के पास ही विंध्याचल की पर्वतमालाओं में ही उनकी गुफा थीं। इस गुफा में ही वह अपने दो शिष्यों के साथ रहते थे। अनवरत गायत्री साधना ही उनका जीवन था। निरन्तर गायत्री महामंत्र का जप एवं सूर्य का ध्यान करने से उनका व्यक्तित्व भी सविता की तरह प्रखर एवं तेजस्वी हो गया था। उनका व्यक्तित्व अलौकिक विभूतियों का भंडार था। सभी ऋद्धि-सिद्धियाँ उनके चरणों … [Read more...]
Hindi Story | पुरुषार्थी की सदैव विजय होती है
Hindi Story | सेठ माणिक शाह के पास अकूत धन-संपत्ति थी। देश भर में उनकी हुँडियाँ चलती थी। उनके इस समूचे ऐश्वर्य का वारिस उनका इकलौता पुत्र सुभद्र था। सेठ जी सुभद्र को प्राणों से भी अधिक प्यार करते थे। उनकी चाहत थी कि हर समय उनका पुत्र उनकी आँखों के सामने रहे। सुभद्र गुणशील और धर्मपरायण तो था ही, पर साथ ही वह विवेकवान् एवं अटूट पुरुषार्थी भी था। उसमें नित नया और कुछ विशेष करने की उमंग थी। एक दिन … [Read more...]
नैतिक कहानी | एक वेश्या – एक सन्यासी
नैतिक कहानी - एक संन्यासी जिस दिन मरा, उसी दिन एक वेश्या भी मरी, दोनों ही आमने-सामने रहते थे। देवदूत वाले लोग लेने आए, तो संन्यासी को नरक की तरफ ले जाने लगे और वेश्या को स्वर्ग की तरफ। संन्यासी ने कहा: रुको- रुको लगता हे कुछ भूल हो गई मालूम होती है! यह क्या उलटा पुलटा हो रहा है ? मुझ संन्यासी को नरक की तरफ, वेश्या को स्वर्ग की तरफ ! क्यों ? जरूर आपके संदेश में कहीं कोई भूल-चूक हो गई है। संसार … [Read more...]
नागपंचमी की कहानी
Nag Panchami Story in Hindi | एक समय की बात है, एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातो के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदुषी और सुशील थी, परंतु उसका कोई भाई नहीं था। एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ चलने को कहा तो सभी डलिया और खुरपी लेकर मिट्टी खोदने लगीं। तभी वहां एक सर्प निकला, जिसे बड़ी बहू खुरपी से मारने लगी। यह देखकर छोटी बहू ने … [Read more...]