नैतिक कहानी - एक संन्यासी जिस दिन मरा, उसी दिन एक वेश्या भी मरी, दोनों ही आमने-सामने रहते थे। देवदूत वाले लोग लेने आए, तो संन्यासी को नरक की तरफ ले जाने लगे और वेश्या को स्वर्ग की तरफ। संन्यासी ने कहा: रुको- रुको लगता हे कुछ भूल हो गई मालूम होती है! यह क्या उलटा पुलटा हो रहा है ? मुझ संन्यासी को नरक की तरफ, वेश्या को स्वर्ग की तरफ ! क्यों ? जरूर आपके संदेश में कहीं कोई भूल-चूक हो गई है। संसार … [Read more...]
कालिदास और विद्योत्तमा की कहानी – जब पत्नी बनी गुरु
Kalidas and Vidyotma Story in Hindi | द्वार के सामने निकलती पशुओं की कतार को देखकर वह चिल्लाया - उट् उट्। भीतर से पति की वाणी सुनकर गृहिणी निकली। उसके कानों में ये शब्द बरबस प्रवेश पा गए। व्याकरण की महापण्डिता, दर्शन की मर्मज्ञा नागरी और देवभाषा की यह विचित्र खिचड़ी देखकर सन्न रह गयी। आज विवाह हुए आठवाँ दिन था। यद्यपि इस एक सप्ताह में बहुत कुछ उजागर हो चुका था मालुम पड़ने लगा था कि जिसे परम … [Read more...]
सकारात्मक सोच – प्रेरक कथा
Prerak Katha | पुराने समय की बात है, एक गाँव में दो किसान रहते थे। दोनों ही बहुत गरीब थे, दोनों के पास थोड़ी थोड़ी ज़मीन थी, दोनों उसमें ही मेहनत करके अपना और अपने परिवार का गुजारा चलाते थे। यह भी पढ़े - प्रेरक कहानी- अनोखा पात्र जो कभी नहीं भर सकता अकस्मात कुछ समय पश्चात दोनों की एक ही दिन एक ही समय पे मृत्यु हो गयी। यमराज दोनों को एक साथ भगवान के पास ले गए। उन दोनों को भगवान के पास लाया … [Read more...]
रेगिस्तान और पानी – Life Changing Hindi Story
Life Changing Hindi Story | Desert and Water | एक बार एक व्यक्ति रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने की जो थोड़ी बहुत चीजें थीं, वो जल्द ही ख़त्म हो गयीं और पिछले दो दिनों से वह पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा था। वह मन ही मन जान चुका था कि अगले कुछ घण्टों में अगर उसे कहीं से पानी नहीं मिला तो उसकी मौत निश्चित है। पर कहीं न कहीं उसे ईश्वर पर यकीन था कि कुछ चमत्कार होगा और उसे पानी मिल … [Read more...]
कर्म और भाग्य – कहानी प्रकृत्य ऋषि और डाकू अस्थिमाल की
Karma And Destiny - Hindi Story | प्रकृत्य ऋषि का रोज का नियम था कि वह नगर से दूर जंगलों में स्थित शिव मंदिर में भगवान् शिव की पूजा में लींन रहते थे। कई वर्षो से यह उनका अखंड नियम था। उसी जंगल में एक नास्तिक डाकू अस्थिमाल का भी डेरा था। अस्थिमाल का भय आसपास के क्षेत्र में व्याप्त था। अस्थिमाल बड़ा नास्तिक था। वह मंदिरों में भी चोरी-डाका से नहीं चूकता था। यह भी पढ़े - सूफी कहानी - … [Read more...]
संत कबीर की प्रेरक कहानी | गृह क्लेश का कारण
Sant Kabir Das Story In Hindi | संत कबीर रोज सत्संग किया करते थे। दूर दराज से लोग उनकी बात सुनने आते थे। एक दिन सत्संग खत्म होने पर भी एक आदमी बैठा ही रहा। कबीर ने इसका कारण पूछा तो वह बोला, मुझे आपसे कुछ पूछना है। मैं गृहस्थ हूं, घर में सभी लोगों से मेरा झगड़ा होता रहता है। मैं जानना चाहता हूं कि मेरे यहां गृह क्लेश क्यों होता है और वह कैसे दूर हो सकता है ? यह भी पढ़े - गुरु शिष्या कथा : जब … [Read more...]
सोया भाग्य | Moral Story in Hindi
एक व्यक्ति जीवन से हर प्रकार से निराश था । लोग उसे मनहूस के नाम से बुलाते थे । एक ज्ञानी पंडित ने उसे बताया कि तेरा भाग्य फलां पर्वत पर सोया हुआ है , तू उसे जाकर जगा ले तो भाग्य तेरे साथ हो जाएगा । बस ! फिर क्या था वो चल पड़ा अपना सोया भाग्य जगाने । रास्ते में जंगल पड़ा तो एक शेर उसे खाने को लपका , वो बोला भाई ! मुझे मत खाओ , मैं अपना सोया भाग्य जगाने जा रहा हूँ । यह भी पढ़े - सूफी कहानी - … [Read more...]
सूफी कहानी – ध्यान | Sufi Kahani – Dhyan |
Hindi Sufi Story - एक फकीर एक वृक्ष के नीचे ध्यान करते थे । वो रोज एक लकड़हारे को लकड़ी काट कर ले जाते देखते थे। एक दिन उन्होंने लकड़हारे से कहा कि सुन भाई, दिन-भर लकड़ी काटता है, दो जून रोटी भी नहीं जुट पाती । तू जरा आगे क्यों नहीं जाता, वहां आगे चंदन का जंगल है । एक दिन काट लेगा, सात दिन के खाने के लिए काफी हो जाएगा । यह भी पढ़े - बुद्ध की कहानी ओशो की जुबानी गरीब लकड़हारे को विश्वास नहीं … [Read more...]
गुरु शिष्या कथा : जब एक शिष्या से हुआ गुरु को सत्य का ज्ञान
Guru Shishya Story : - एक संत को अपना भव्य आश्रम बनाने के लिए धन की जरूरत पड़ी। वह अपने शिष्य को साथ लेकर धन जुटाने के लिए लोगों के पास गए। घूमते-घूमते वह एक गाँव में अपनी शिष्या एक बुढ़िया की कुटिया में पहुंचे। कुटिया बहुत साधारण थी। वहां किसी तरह की सुविधा नहीं थी फिर भी रात हो गई तो संत वहीं ठहर गए। बूढी माँ ने उनके लिए खाना बनाया। यह भी पढ़े - कथा धर्मग्रंथो में वर्णित 9 महान गुरुओं … [Read more...]
हिंदी लघु कथा – मांस का मूल्य
Hindi Laghu Katha : मगध के सम्राट् श्रेणिक ने एक बार अपनी राज्य-सभा में पूछा कि- "देश की खाद्य समस्या को सुलझाने के लिए सबसे सस्ती वस्तु क्या है? " मंत्री-परिषद् तथा अन्य सदस्य सोच में पड़ गये। चावल, गेहूं, आदि पदार्थ तो बहुत श्रम बाद मिलते हैं और वह भी तब, जबकि प्रकृति का प्रकोप न हो। ऐसी हालत में अन्न तो सस्ता हो नहीं सकता। शिकार का शौक पालने वाले एक अधिकारी ने सोचा कि मांस ही ऐसी चीज है, … [Read more...]