दिल में आग नयन में पानी | Dil Mein Aag Nayan Mein Pani
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दिल में आग नयन में पानी
जब विनम्र अतिशय विनीत को अपने लोग कहें अभिमानी।
तब दिल में आग नयन में पानी।।
मैंने जिनको पाठ पढ़ाया वही सुनाते मुझे कहानी।
तब दिल में आग नयन में पानी।।
पाकर मेरी धरोहर जब वो बन जाते हैं राजा रानी।
तब दिल में आग नयन में पानी।।
पहने हैं ईमान का चोला करते हैं मुझसे बेइमानी।
तब दिल में आग नयन में पानी।।
मेरे बिना काम न चलता मुझे बताते दुश्मन जानी।
तब दिल में आग नयन में पानी।।
मन से तो हैं पूर्ण विदेशी लेकिन नेता हिन्दुस्तानी।
तब दिल में आग नयन में पानी।।
मन के अन्दर बैर भाव है चेहरे पर है प्रीति पुरानी।
तब दिल में आग नयन में पानी।।
समय पड़ा तो”अजय” हैं दिखते, समय गया तो बस अज्ञानी।
तब दिल में आग नयन में पानी।।
आचार्य डा.अजय दीक्षित
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डा. अजय दीक्षित जी द्वारा लिखे अन्य गीत –
- वतन रो रहा है
- रोते-रोते मुस्कराना पडता है
- अपना देश हिंदुस्तान
- कलम लिखै तौ यहै लिखै
- रख्खो उम्मीद दिल के कोने में
akash says
Very Nice Lines In Hindi