Siyasat Shayari, Latest Siyasat Shayari, Famous Siyasat Shayari
*****
समझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई
कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पन नहीं मिलता
*****
काँटों से गुजर जाता हूँ दामन को बचा कर
फूलों की सियासत से मैं बेगाना नहीं हूँ
*****
सियासत इस कदर अवाम पे अहसान करती है
आँखे छीन लेती है फिर चश्में दान करती है
*****
ऐ सियासत तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया
गरीबों को गरीब अमीरों को माला-माल कर दिया
*****
सियासत को लहू पीने की लत है
वरना मुल्क में सब ख़ैरियत है
*****
एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना
*****
सियासत की दुकानों में रोशनी के लिए
जरूरी है कि मुल्क मेरा जलता रहे
*****
इन से उम्मीद न रख हैं ये सियासत वाले
ये किसी से भी मोहब्बत नहीं करने वाले
*****
ये सियासत के चश्मे कुछ धुधले हो गए
चुनावी वादे आजकल फिर जुमले हो गए
*****
सियासत के खेल में कुर्सी की भूख होती है
इसलिए तो हिन्दू मुसलमान में डाली फूट होती है
Siyasat WhatsApp Shayari
*****
हिन्दुस्तान की फिजा में जहर घोल रहा हूँ
सावधान दोस्तो… मैं सियासत खोर बोल रहा हूँ
*****
न मस्जिद बनेगी न कोई मंदिर बनेगा
अगली बार फिर चुनाव का मुद्दा बनेगा
*****
फिर दोहराएंगे तमासा, मजहबी गोटियाँ फेकी जाएँगी
मंदिर मस्जिद के मुद्दे पर सियासी रोटियां सेकी जाऐगी
*****
ऐ दिल चल उड़ चले कहीं दूर उस जहाँ में
जहाँ मजहबी सियासते और सरहदें न हों
*****
तुम मेरे दोस्त हो… दुश्मन बन जाओ
मगर ख़ुदा के लिए सियासत मत करो
*****
समझने ही नहीं देती सियासत हमको सच्चाई
कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पन नहीं मिलता
*****
सियासत के मुखौटे से चासनी टपक रही है
मालूम हुआ है चुनाव की मधुमखियाँ दौड़ रही हैं
*****
सियासत इस कदर अवाम पे अहसान करती है
आँखे छीन लेती है फिर चश्में दान करती है
*****
ऐ सियासत… तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया
गरीबों को गरीब अमीरों को माला-माल कर दिया
*****
सियासत अपना रुख अब इतना कड़ा मत कर
इंसानियत को अब भगवा और हरा मत कर
Siyasat Shayari For Facebook
*****
गरीबी की क्या खूब हंसी उड़ाई जाती है
एक रोटी देकर सौ तस्वीर खिचाई जाती हैं
*****
चाहते तो हम भी थे जीना शराफत से
सियासत क्या मिली, शराफत चली गयी
*****
हर गरीब की थाली में खाना है
लगता है यह चुनाव का आना है
*****
जाने कब इस में हमें आग लगानी पड़ जाए
हम सियासत के जनाज़े को चिता कहते हैं
*****
कितने चेहरे लगे हैं चेहरों पर
क्या हक़ीक़त है और सियासत क्या
*****
उस को मज़हब कहो या सियासत कहो
ख़ुद-कुशी का हुनर तुम सिखा तो चले
*****
उस को मज़हब कहो या सियासत कहो
ख़ुद-कुशी का हुनर तुम सिखा तो चले
(मशग़ला = दिल बहलाव; सियासत = राजनीति)
*****
जाने क्या-क्या समझे थे
देखा तो सियासत थी
*****
तुमको आया ही नही हल करना राजनीति का सवाल
इस मुल्क मे हिन्दू मुस्लिम दो नही एक होते है
*****
आओ सियासत को शर्मिदा करे
क्यु न भूख के मुद्दे पे दंगा करे
Siyasat Shayari Collection
*****
हवाओं की भी अपनी अजब सियासतें है
कहीं बुझी राख भड़का दे कहीं जलते चिराग बुझा दे
*****
सियासत की अपनी अलग इक जबां है
लिखा हो जो इकरार, इनकार पढ़ना
*****
अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बाँ थी प्यारे
अब सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से
*****
हुआ करती थी राजनीति भी कभी एक परदा नशीं औरत
अब सड़कों पर उतर आई है सशक्तिकरण की चाह में
*****
भारतीय राजनीति एक नए मोड़ में
कौन कितना गिरे, सब लगे होड़ में
*****
दोस्ती हो या दुश्मनी सलामी दूर से अच्छी लगती हैं
राजनीति में कोई नही सगा, ये बात सच्ची लगती हैं
Siyasat Shayari
*****
मंदिर मस्जिद के नामों पर अपनों को ही काटा है
खून” में कोई “फ़र्क नहीं “बस “राजनीति ने बांटा है
*****
कभी था दुश्मन सपेरा सांप का पर अब साथ देखा है
मेढकों को भी सियासत में हमने एक साथ देखा है
जिस पंजे को हमने देखा था कभी छूते हुए अम्बर
उन्ही पंजो को वोट के खातिर गधों के साथ देखा है
*****
लड़ें, झगड़ें, भिड़ें, काटें, कटें, शमशीर हो जाएँ
बटें, बाँटें, चुभे इक दुसरे को, तीर हो जाएँ
मुसलसल कत्ल-ओ-गारत की नई तस्वीर हो जाएँ
सियासत चाहती है हम और तुम कश्मीर हो जाएँ
*****
फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो
जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो
जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ
आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो
*****
बुलंदी का नशा सिमतों का जादू तोड़ देती है
हवा उड़ते हुए पंछी के बाज़ू तोड़ देती है
सियासी भेड़ियों थोड़ी बहुत गैरत ज़रूरी है
तवायफ तक किसी मौके पे घुंघरू तोड़ देती है
*****
देकर दर्द जमाने भर का
किसलिए मरहम लाये हो
क्या तुम भी नेता हो
राजनीति से आये हो
New Siyasat Shayari
*****
- Khata Shayari | खता शायरी
- Roothna Manana Shayari | रूठना मनाना शायरी
- Ishq Shayari | इश्क़ शायरी
- Intezaar Shayari | इंतज़ार शायरी
- Ilzaam Shayari | इल्जाम शायरी
- प्रसिद्ध शायरों की शायरियों का विशाल संग्रह
Join the Discussion!