Apara Ekadashi 2020 Date Date, Time, Vrat Katha, Vrat Vidhi, Achala Ekadashi | ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी अपरा या अचला एकादशी कहलाती है। पुराणों के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी अपरा एकादशी है, क्योंकि यह अपार धन देने वाली है। इस दिन भगवान त्रिविक्रम (भगवान विष्णु का ही एक रूप) की पूजा करते हैं। साल 2020 में अपरा एकादशी 18 मई, सोमवार को पड़ रही है और इसके निमित्त व्रत भी इसी दिन रखा जाएगा।
अपरा एकादशी शुभ मुहूर्त और पारण का समय | Apara Ekadashi 2020 Date & Time
एकादशी तिथि प्रारंभ- 17 मई 2020 को 12:44 PM
एकादशी तिथि समाप्त- 18 मई 2020 को 03:08 PM
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय- 05:27 AM
19 मई के दिन पारण (व्रत तोड़ने का) समय- 05:27 AM से 08:11 Am
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अपरा एकादशी व्रत कथा | Apara Ekadashi 2020 Vrat Katha In Hindi
प्राचीन काल में महीध्वज नामक एक धर्मात्मा राजा था। उसका छोटा भाई वज्रध्वज बड़ा ही क्रूर, अधर्मी तथा अन्यायी था। वह अपने बड़े भाई से द्वेष रखता था। उस पापी ने एक दिन रात्रि में अपने बड़े भाई की हत्या करके उसकी देह को एक जंगली पीपल के नीचे गाड़ दिया। इस अकाल मृत्यु से राजा प्रेतात्मा के रूप में उसी पीपल पर रहने लगा और अनेक उत्पात करने लगा।
एक दिन अचानक धौम्य नामक ॠषि उधर से गुजरे। उन्होंने प्रेत को देखा और तपोबल से उसके अतीत को जान लिया। अपने तपोबल से प्रेत उत्पात का कारण समझा। ॠषि ने प्रसन्न होकर उस प्रेत को पीपल के पेड़ से उतारा तथा परलोक विद्या का उपदेश दिया।
दयालु ॠषि ने राजा की प्रेत योनि से मुक्ति के लिए स्वयं ही अपरा (अचला) एकादशी का व्रत किया और उसे अगति से छुड़ाने को उसका पुण्य प्रेत को अर्पित कर दिया। इस पुण्य के प्रभाव से राजा की प्रेत योनि से मुक्ति हो गई। वह ॠषि को धन्यवाद देता हुआ दिव्य देह धारण कर पुष्पक विमान में बैठकर स्वर्ग को चला गया।
अपरा एकादशी व्रत विधि | Apara Ekadashi 2020 Vrat Vidhi In Hindi
एकादशी के व्रत में व्यक्ति को दशमी के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए। रात को भगवान का ध्यान करके सोना चाहिए। एकादशी के दिन सुबह उठकर मन से सभी विकारों को निकाल दें और स्नान करके भगवान विष्णु की अगरबत्ती, चावल, चंदन, दीपक, धूप बत्ती, दिए की बत्ती, दूध, हल्दी और कुमकुम से पूजा करें। पूजा में तुलसी पत्ता, श्रीखंड चंदन, गंगाजल एवं मौसमी फलों का प्रसाद अर्पित करें। इसके बाद विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें व कथा पढ़ें।
अपरा एकादशी व्रत का महत्त्व | Importance of Apara 2020 Ekadashi Vrat in Hindi
धर्म शास्त्रों के अनुसार अपरा एकादशी व्रत करने से गर्भपात, ब्रह्महत्या, राक्षस योनि, झूठ, बुराई व अन्य पापों से मुक्ति मिलती है। इस व्रत को करने से मनुष्य को तीनों पुष्करों में स्नान के समान, गंगा जी के तट पर पिण्ड दान के समान और कार्तिक मास के स्नान के समान, सूर्य-चंद्र ग्रहण में कुरुक्षेत्र में यज्ञ, दान एवं स्नान के पुण्य के समान फल की प्राप्ति होती है।जो व्यक्ति पूरे विधि- विधान से अपरा एकादशी व्रत करता है, उसे सौभाग्य की प्राप्ति, पापों से मुक्ति तथा मृत्यु के बाद भगवान विष्णु का धाम प्राप्त होता है।
ध्यान रखें: व्रत रखने वाले पूरे दिन परनिंदा, झूठ, छल-कपट से बचें। व्रत ना रखने वाले भी एकादशी के दिन चावल का प्रयोग भोजन में ना करें तथा झूठ और परनिंदा से बचें।
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