First Earth Map According To Mahabharat | पृथ्वी का पहला मानचित्र किसने बनाया, इस पर आज भी अलग-अलग दावे हैं। लेकिन अभी तक कोई भी देश अपना दावा सिद्ध नहीं कर पाया। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे महापुरुषों ने हजारों साल पहले ही अपने ग्रंथों में ये बता दिया था कि आकाश से देखने पर पृथ्वी कैसी दिखाई देती है।
महाभारत में लिखा है ये रहस्य
महाभारत में जब महर्षि वेदव्यास धृतराष्ट्र के सारथि संजय को दिव्य दृष्टि प्रदान करते हैं, तब धृतराष्ट्र के कहने पर संजय उन्हें संपूर्ण ब्रह्मांड के बारे में बताते हैं। पृथ्वी के बारे में संजय कहते हैं कि-
यथा हि पुरुषः पश्येदादर्शे मुखमात्मनः।
एवं सुदर्शनद्वीपो दृश्यते चन्द्रमण्डले॥
द्विरंशे पिप्पलस्तत्र द्विरंशे च शशो महान्।।-
(भीष्म पर्व, महाभारत)
अर्थ- जैसे पुरुष दर्पण में अपना मुख देखता है, उसी प्रकार यह द्वीप (पृथ्वी) चन्द्रमण्डल में दिखाई देता है। इसके दो अंशों में पिप्पल (पीपल के पत्ते) और दो अंशों में महान शश (खरगोश) दिखाई देता है।
संत रामानुजाचार्य ने 11 वी शताब्दी में महाभारत के श्लोक के आधार पर पृथ्वी का मानचित्र बनाया जो इस प्रकार था।
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महाभारत के श्लोक के आधार पर जब इस मानचित्र को उल्टा किया गया तो वह इस प्रकार नज़र आया।
रामनुजाचार्यजी द्वारा बनाया गया पृथ्वी का मानचित्र ग्लोब पर लगाने पर लगाने पर इस तरह दिखा।
ये है पृथ्वी का वास्तविक मानचित्र। इसमें और रामनुजाचार्यजी द्वारा बनाए गए मानचित्र में काफी समानताएं नज़र आती है।
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Shabdbeej says
क्या बात है ! अद्भुत. प्राचीनकाल विज्ञान का कोई जवाब नहीं