झांसी में इन दिनों एक मछली चर्चा का विषय बनी हुई है। उस पर अल्लाह लिखा हुआ प्रतीत हो रहा है। अद्भुत मानी जा रही इस मछली को देखने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। मछली की कीमत 30 लाख रुपए तक लग चुकी है। हालांकि, इसका मालिक इसे बेचने को तैयार नहीं है। ऑस्कर प्रजाति की इस मछली के साथ कोई और मछली नहीं रह पाती। इसका साथ पाते ही वह मर जाती है। अब तक 40 मछलियां मर चुकी हैं, जबकि एक वर्ष की यह मछली बिल्कुल सही है। लोग इसे रमजान के माह में अल्लाह का चमत्कार मान रहे हैं।
झांसी महानगर के नगरा क्षेत्र के प्रतापपुरा निवासी राजेंद्र कुमार परसेरिया दवा व्यापारी हैं। एक साल पहले उन्होंने एक्वेरियम और 21 मछलियां खरीदी। इसमें 20 सामन्य मछली और एक ऑस्कर प्रजाति की मछली शामिल थी। एक महीने के अंदर ही ऑस्कर प्रजाति की मछली को छोड़कर बाकि सभी मछलियां मर गईं।
साथ रखी सभी मछलियां मर गईं :
राजेंद्र के बेटे अंकित के अनुसार पहले उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। एक्वेरियम खाली-सा था, इसलिए वह 20 और मछली लाया, लेकिन धीरे-धीरे ये सभी मछलियां भी मर गईं। एक्वेरियम में फिर से वही ऑस्कर प्रजाति की मछली ही बची।
ऑस्कर प्रजाति की यह मछली धीरे-धीरे बड़ी हुई। उस पर लाल रंग की आकृति उभर आई। इस पर भी उन्होंने कोई ध्यान नही दिया। कुछ दिनों पहले ही रेलवे में टेक्नीशियन मो. सादिक उनके घर आए। अपने इस दोस्त को राजेंद्र ने मछलियों के मर जाने और ऑस्कर प्रजाति की इस मछली के बारे में बताया। मो. सादिक ने ध्यान से मछली को देखा, तो उन्हें मछली के पेट पर अरबी में अल्लाह जैसी लिखी हुई आकृति दिखी।
मस्जिद से आए व्यक्ति ने भी अल्लाह जैसी आकृति की बात कही :
राजेंद्र को यकीन नहीं हुआ। उन्होंने पास की ही एक मस्जिद के हाफ़िज़ को बुलाया। उन्होंने भी इस बात की तस्दीक की कि मछली पर अल्लाह जैसी आकृति बनी हुई है।
देखने के लिए लगता है लोगों का तांता :
धीरे-धीरे यह बात फ़ैल गयी। अब आलम यह है कि राजेन्द्र के घर मछली देखने के लिए आने वालों का तांता लगा हुआ है। इसे देखने आए हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुलेमान सिद्दीकी ने बताया कि इसे चमत्कार कहें या संयोग। अल्लाह जैसी आकृति और उसी पानी में, उसी माहौल में दूसरी मछलियों का मर जाना हैरत में डालने वाला है।
30 लाख रुपए तक लग चुका है दाम :
राजेंद्र ने बताया कि इस मछली की कीमत 30 लाख रुपए तक लग चुकी है। हैदराबाद के एक मुस्लिम व्यक्ति को यहां के एक व्यक्ति ने मछली के बारे में बताया। वहीं, राजेन्द्र ने इस मछली को बेचने से इनकार कर दिया। उसके बेटे अंकित का कहना है कि उनके घर में अमूल्य चीज है, जिसे वह कभी भी बेचना नहीं चाहते।
जानिए कौन है ऑस्कर फिश :
ऐस्ट्रोनॉट्स ओशिलेट्स मछलियों की वह प्रजाति है जो चिलचिड फैमिली से आती है। इसे ऑस्कर, टाइगर ऑस्कर, वेल्वेट चिलचिड और मॉर्बल चिलचिड जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस जाति के मछली साउथ अमेरिका में पाए जाते हैं। ये लोकल मार्केट में फूड फिश के रूप में भी पाए जाते हैं। इस प्रजाति के मछली विश्व के अन्य भागों जैसे चाइना, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड स्टेट्स में भी पाए जाते हैं। यह अमेरिका की प्रसिद्ध एक्वेरियम फिश भी है।
इन्हें पसंद है अकेले रहना :
यह बड़ी और खुशमिजाज प्रजाति की मछली है। कभी भी इन्हें इनकी नस्ल की मछलियों के साथ न रखें। ऑस्कर की उम्र बढ़ने पर इनका साइज बहुत बड़ा हो जाता है, इसलिये इन्हे किसी बड़े टैंक में ही रखें। यह मछली अकेले रह कर बोर हो जाती हैं, इसलिए इनका मन बहलाने के लिये एक्वेरियम में कुछ खिलौने रखना जरूरी हो जाता है। ये प्रजातियां सफेद पानी में रहती हैं और आमतौर पर धीमी गति से चलती हैं। यह सजावटी मछली के रूप में चीन, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, फ्लोरिडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाजारों में बिकता है।
मछलियों के मांस भी हैं इन्हें पसंद :
ऑस्कर मछली यूं तो सभी तरह के चारे को खा लेते हैं। लेकिन इन्हें केंचुआ, मक्खियां, टिड्डी, कीड़े, उबली हुई मटर, सब्जियों के पत्ते कुछ ज्यादा पसंद हैं। इसके अलावा ये फिश फिलेट्स (मछलियों के मांस) भी खाती हैं। खरबूज और संतरे भी इनके लिए फायदेमंद हैं। इससे उनकी लंबाई तेजी से बढ़ती है।
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